हमेशा लो प्रोफाइल रहने वाले अजमेर शहर इन्टक कांग्रेस अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह शेखावत चुनावी ताल ठोक यकायक सुर्ख़ियों में आ गये है। कांग्रेस पार्टी के दिल्ली हाईकमान व पर्यवेक्षकों के समक्ष अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी जताकर शेखावत ने खुले आम चुनावी दंगल में कूदने के संकेत दे दिये है। सूत्रों के मुताबिक ना सिर्फ नरेन्द्र सिंह शेखावत खुद दिल्ली जाकर आला नेताओं से मिले बल्कि उन्होनें कईं संस्थाओं, यूनियनों व कार्यकर्ताओं के जरिये भी अपनी दावेदारी मजबूत रूप से पेश की है। यूं तो शहर इन्टक अध्यक्ष का विधानसभा टिकिट के लिये दावेदारी जताना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है, मगर हमेशा लो प्रोफाईल रहने वाले नरेन्द्र सिंह शेखावत का चुनावी समर में कूद पडना कईंयो के लिये “जोर के झटके” के समान है। विशेष तौर पर राजपूत समाज से होने के कारण शेखावत की दावेदारी को शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता के लिये चुनौती के रूप में भी देखा जा रहा है।
अपने टेड्र मार्क ‘लाल साफे’ से पहचाने जाने वाले नरेन्द्र सिंह शेखावत अजमेर कांगेस का एक जाना पहचाना नाम है। वर्तमान में अजमेर शहर इन्टक के अध्यक्ष पद पर काबिज शेखावत भारतीय स्थल सेना के भूतपूर्व सैनिक भी रह चुकें है। मगर अजमेर शहर की जनता से उनका सीधा जुडाव उनके भारतीय संचार निगम लिमिटेड अजमेर में 28 वर्ष के कार्यकाल के दौरान हुआ। इस दौरान भी वे कांग्रेस पार्टी से व विशेष तौर पर इन्टक से जुडे रहे। वे बी.एस.एन.एल. की अखिल भारतीय यूनियन एफ.एन.टी.ओ. के सात वर्ष तक राष्ट्रीय सहायक महासचिव रह चुकें है व वर्तमान में नेशनल यूनियन ऑफ बी.एस.एन.एल. वर्कर्स (इन्टक से सम्बद्ध) के अजमेर जिला अध्यक्ष भी है। भारतीय संचार निगम लिमिटेड में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हे सबका सहयोग करने वाले कर्मचारी के रूप में जाना जाता था। 2010 में बी.एस.एन.एल. से सेवानिवृति के पश्चात् शेखावत सक्रिय रूप से कांग्रेस से जुड गये। सेवा अवधि के दौरान इन्टक से जुडे होने के कारण ही उन्हे अजमेर शहर इन्टक के अध्यक्ष पद से नवाजा गया। वर्तमान में वे कईं सामाजिक संस्थाओं के साथ भी कार्य करते आ रहे है। भारत युवक समाज अजमेर का अध्यक्ष होने के साथ ही वे भ्रष्टाचार विरोधी समिति अजमेर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी है। साथ ही वर्तमान में वे महात्मा गांधी देह दान समिति व गैर राजनीतिक संगठन प्रगतिशील युवक संघ अजमेर से भी जुडे हुये है।
ना केवल एक राजपूत के रूप में जन्म लेने के कारणवश बल्कि अपने मिलनसार, हँसमुख व सहयोगी स्वभाव के कारण राजपूत समाज में भी उनकी गहरी पैठ बताई जाती है। शहर कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष डा. सुरेश गर्ग के गुट में माने जाने वाले नरेन्द्र सिंह शेखावत के सम्बन्ध वर्तमान में ज्यादातर प्रमुख कांग्रेसियों से मधुर ही बताये जाते है। राजपूत समाज का एक सम्मानित चेहरा होने के कारण व अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में राजपूत व प्रगतिशील राजपूत समाज के मतदाताओं की तादात देखकर उन्हें किसी भी कारण कमजोर नहीं माना जा सकता है। साथ ही कर्मचारी व मजदूर नेता होने के कारण शेखावत संगठित व असंगठित मजदूरों और कर्मचारियों को भी अपनी ओर आकर्षित करते प्रतीत हो सकते है। जानकारों के अनुसार शेखावत दिल्ली में भी अच्छी पकड रखते है और खासकर के दस जनपथ के करीबी नेता जनार्दन द्विवेदी उनके पैरवी करते नजर आ सकते है।
शेखावत को अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी का टिकिट मिलता है या कि नहीं यह तो समय ही बतायेगा। मगर राजपूत समाज से होने के कारण शहर अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता को सीधी चुनौती देते प्रतीत होते शेखावत ने अपनी दावेदारी ठोककर ना सिर्फ कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी राजनीति में माहौल बनाया है बल्कि साथ ही कांग्रेस पार्टी के बाहर भी दिलचस्पी भरा माहौल बना दिया है।
– साकेत गर्ग
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क्या आने वाला चुनाव राजपूत बनाम सिंधी होने जा रहा है तेजवानी जी ??? ये जातिवाद आखिर कहाँ ले जा रहा है इस सिस्टम को तेजवानी जी
आखिर कब तक हम लोग इस घिसे पिटे सिस्टम में चलेंगे
राजपूतों ने जैसे अजमेर उत्तर पे कब्ज़े की ठान ली है
चाहे वो महेंद्र सिंह रलावता हो या सुरेंदर सिंह शेखावत और अब नरेंदर सिंह जी भी … सभी मिलकर ये दिखाना चाहते है की राजपूतों का बाहुल्य है … जबकि चुनाव साफ़ छवि और कर्मशीलता के ग्राफ पे लड़ा जाना चाहिए जातिवाद पे नहीं ..
जय श्री कृष्ण
जिस क्षेत्र में जिनकी बहुलता है उनको प्रतिनिधित्व देना ही चाहिये, हाँ जिस जाति के उम्मीदवार को टिकट दिया जाता है उसकी छवि का ख्याल रखना उचित है, ऐसा उमीदवार हो सभी जातियों को साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो !!