किसके खाते में गया 17 करोड़ का पेट्रोल खर्च ?

chandan singh bhati-चन्दन सिंह भाटी- बाड़मेर जिले में 3 दर्जन से ज्यादा पेट्रोल पम्पों से 5 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक लगभग 15 करोड़ का पेट्रोल बिक गया है । ये सब कुछ पर्चियों के माध्यम से हुआ है. क्या इस पर चुनाव आयोग की नज़र नही पड़ी या फिर जानबूझ कर अनजान बने रहा। चुनाव आयोग जो निष्पक्ष चुनाव का ढिढोरा पिट रहा है. उसको इसकी निष्पक्ष जाँच करा कर राजनीतिक पार्टियों के खाते में इसका खर्च भी डालना चाहिए। जो चुनावी उम्मीदवार 7 – 8 लाख में चुनाव लड़ने की बात चुनाव आयोग को बता रहे है , उसकी पोल खोलनी चाहिए।
अभी चुनाव आयोग जो प्रत्यासियों द्वारा दिखाए गये खर्च को सही मान कर आम जनता की नज़र में बेवकूफ लग रहा है, जब आम जनता में भी ये मत है कि कोई भी चुनाव 5 – 8 करोड़ से कम नही लड़ा जा सकता, उसको चुनाव आयोग 12 – 13 लाख रुपियों में लड़ा गया मान कर अपनी जग हँसाई करा रहा है। अब भी वक्त है की चुनाव आयोग इसकी निष्पक्ष जाँच करा कर अपने को निष्पक्ष साबित कर सकता है। चुनाव आयोग कि आचार संहिता कि खुले आम धज्जिया उड़ी। चुनाव आयोग को शिकायते मिलने के बाद भी कार्यवाही न होना साबित करता हें कि आयोग सब कुछ जानकार भी अनजान बना हुआ हें। इन पेट्रोल पम्पो कि आयोग ऑडिट करले तो सच्चाई सामने आ जायेगी कि एक नंबर के पेट्रोल कि खपत दो नंबर में कैसे हुई।

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