मोदी का साक्षात्कार लेने वाले पत्रकार ने ही खडा किया विवाद?

modi-on-dd_02_05_2014दूरदर्शन न्यूज को दिए नरेंद्र मोदी के साक्षात्कार को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार से यह इंटरव्यू करने वाले चैनल के वरिष्ठ पत्रकार को अब सरकारी अधिकारियों की ओर से निशाना बनाया जा रहा है। जबकि इसी मामले के बहाने सूचना व प्रसारण मंत्रालय और दूरदर्शन के वरिष्ठ अधिकारी अपनी पुरानी अदावत भी पूरी कर लेने की कोशिश में जुट गए हैं। दूरदर्शन सूत्रों के मुताबिक यह विवाद सामने आने के बाद से मोदी का साक्षात्कार करने वाले दूरदर्शन के वरिष्ठ एंकर और विशेष संवाददाता अशोक श्रीवास्तव अधिकारियों के निशाने पर आ गए हैं। चैनल में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के समर्थक जो अधिकारी हैं, उनका मानना है कि इस पूरे विवाद को श्रीवास्तव ने ही हवा दी है। चैनल कटे अंश को भी चलाने की तैयारी कर ही रहा था, लेकिन उन्होंने पहले ही मान लिया कि इसे नहीं चलाया जा रहा। जबकि सूत्र बताते हैं कि श्रीवास्तव ने खुलकर आवाज नहीं उठाई होती तो संभवतः यह साक्षात्कार चलाया ही नहीं जाता।

शनिवार की सुबह साढ़े 9:30 बजे इसकी रिकार्डिंग हुई। उसी दिन एक घंटे के अंदर पूरी फीड दिल्ली पहुंच चुकी थी। कायदे से यह शनिवार को ही चल जाना चाहिए था। यहां तक कि इतना अहम साक्षात्कार होने के बावजूद चैनल पर इसका एक भी प्रोमो नहीं दिखाया गया। जबकि रविवार की सुबह तक प्रोमो भी तैयार थे। इसी तरह साक्षात्कार की प्रमुख बातों को हेडलाइन के तौर पर न्यूज बुलेटिन में भी शामिल नहीं किया गया। इस बारे में संपर्क किए जाने पर श्रीवास्तव ने सिर्फ यही कहा कि “मैंने जो कुछ भी किया, एक प्रोफेशनल के तौर पर किया है। मैं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इंटरव्यू के लिए भी पहले से ही कोशिश कर रहा हूं।” सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले में “ऊपर” के संपर्क में डीडी न्यूज के महानिदेशक एसएम खान ही थे। मगर अब मंत्रालय इस कोशिश में है कि पूरे मामले में खलनायक प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जवाहर सरकार को बनाया जाए। क्योंकि सरकार और सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के संबंध बहुत खराब हैं।

वहीं, प्रसार भारती ने इस विवाद से अपने को अलग कर लिया है। उसका कहना है कि इस मामले को डीडी न्यूज के संपादकीय विभाग पर ही छोड़ दिया गया था। प्रसार भारती के सदस्यों को लिखे पत्र में जवाहर सरकार ने माना है कि साक्षात्कार के कई अंश जानबूझकर हटा दिए गए। उन्होंने कहा है कि वह पता लगा रहे हैं कि 27 अप्रैल को साक्षात्कार का प्रसारण क्यों नहीं किया गया और कुछ अंशों को क्यों काट दिया गया। jagran.com

1 thought on “मोदी का साक्षात्कार लेने वाले पत्रकार ने ही खडा किया विवाद?”

  1. इनकी आपसी लड़ाई ने सरकार को नंगा कर दिया पहले से ही यह धारणा थीं की केंद्र सरकार इसका दुरूपयोग करती है, और अब यह स्पष्ट हो गया अब सब पल्ला झाड़ खुद को बचाने मे लगे हैं मनीष तिवारी की सफाई पर किसी को यकीन नहीं होता रही सही कसर उन्होंने गुजरात में मीडिआ की स्वतंत्रता पर अपना बयान दे पूरी कर दी फलतः यह एक राजनीतिक बयां बन कर रह गया और कांग्रेस की एक और करतूत भी

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