प्रियंका के हमलावर तेवरों से टीम मोदी हुई हलकान!

priyanka-ghandhiरायबरेली संसदीय क्षेत्र के बाद अब अमेठी क्षेत्र में भाई राहुल गांधी के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वे जिस तरह से भाजपा के ‘पीएम इन वेटिंग’ नरेंद्र मोदी को निशाना बना रही हैं, उससे टीम मोदी के रणनीतिकार भी बेचैन होने लगे हैं। क्योंकि, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनावी पलटवार करना मोदी के लिए एकदम आसान रहता है। पिछले कई दिनों से वे ऐसा कर भी रहे हैं। अपने आक्रामक अभियान में मोदी लगातार यह कहते रहे हैं कि अब मां-बेटे की सरकार के दिन लदने वाले हैं। सात चरणों का मतदान हो चुका है। टीम मोदी को यह विश्वास हो गया है कि अब सत्ता मिलने में कोई शक की गुंजाइश नहीं रह गई है। अब जगह-जगह इसकी हुंकार खुद मोदी लगाने लगे हैं। लेकिन, उनके लिए इस दौर में सबसे बड़ी चुनौती प्रियंका गांधी ने खड़ी कर दी है। वे इन दिनों अमेठी संसदीय क्षेत्र में अपने भाई राहुल के लिए ‘चुनावी खेती’ करने में जुटी हैं। इसी अभियान में वे रोजाना मोदी को चिढ़ाने के लिए कोई न कोई मसाला मीडिया को जरूर परोस देती हैं।

गुरुवार को मीडिया में यह चर्चा आई कि सरकारी न्यूज चैनल दूरदर्शन ने नरेंद्र मोदी का जो 35 मिनट का इंटरव्यू प्रसारित किया है, उसमें कई महत्वपूर्ण बातों को निकाल दिया गया है। डीडी न्यूज पर मोदी का यह इंटरव्यू रविवार को प्रसारित किया गया था। जबकि, यह इंटरव्यू 26 अप्रैल को रिकॉर्ड किया गया था। ऐसे महत्वपूर्ण चुनावी इंटरव्यू आमतौर पर उसी दिन प्रसारित किए जाते हैं। लेकिन, मोदी का इंटरव्यू 2 दिन तक रोके रखा गया। भाजपा नेताओं को इसके पीछे भी कांग्रेस की कोई चाल दिखाई पड़ती है। भाजपा खेमे ने आरोप जड़ दिया है कि डीडी न्यूज के आलाधिकारियों ने कांग्रेसी आकाओं को खुश करने के लिए इंटरव्यू के कुछ जरूरी अंश प्रसारण से एडिट कर दिए हैं। दरअसल, मोदी से सवाल किया गया था कि प्रियंका गांधी रायबरेली और अमेठी के चुनावी अभियान में उन पर जमकर गरज-बरस रही हैं। उन्होंने एक के बाद एक तीखे कटाक्ष भी किए हैं। इनका जवाब आप कैसे देना चाहेंगे? इस तरह के सवाल पर मोदी ने यही कहा कि वे तो पहले ही कह चुके हैं कि अब मां-बेटे की सरकार के दिन लदने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बहुत स्वाभाविक है कि प्रियंका वाड्रा बेटी होने के नाते अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी का बचाव करें। ऐसे में, उनकी बातों को लेकर उन्हें कोई हैरानी नहीं हो रही।

वीरेंद्र सेंगर
वीरेंद्र सेंगर

लेकिन, इस मामले में यह खुलासा हुआ है कि डीडी न्यूज ने जो इंटरव्यू प्रसारित किया, उसमें प्रियंका गांधी से जुड़ी मोदी की एक महत्वपूर्ण टिप्पणी को निकाल दिया गया। क्योंकि, यह टिप्पणी प्रसारित होती, तो शायद आम जनमानस में मोदी की छवि ज्यादा भले मानुष की बन जाती। दरअसल, मोदी ने इस इंटरव्यू में कहा था कि वे प्रियंका की गुस्सैल टिप्पणियों का कोई जवाब नहीं देना चाहते। क्योंकि, प्रियंका उनकी बेटी की तरह हैं। भारतीय परंपरा में यह बात है कि बेटी की किसी बात का बुरा नहीं माना जाता। वैसे भी वे अपनी मां के बचाव में खड़ी होकर अपनी तरह से बेटी-धर्म ही निभा रही हैं। राजनीतिक हल्कों में माना जा रहा है कि डीडी न्यूज के अधिकारियों ने ये पंक्तियां किसी कांग्रेसी आका के कहने पर ही हटाई होंगी। क्योंकि, खतरा यही था कि इन लाइनों को लेकर ही टीवी के दूसरे चैनलों में यही प्रमुख खबर बन जाती कि मोदी ने प्रियंका को लेकर बड़े दिल का परिचय दिया है। उनके उदार रवैए की सराहना भी होने लगती।

भाजपा सूत्रों ने भी मोदी के हवाले से इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने प्रियंका से जुड़े सवाल के बारे में अपनी यह सद्भावना इंटरव्यू में व्यक्त की थीं। लेकिन, इसे प्रसारित नहीं किया गया। जब इस मामले को लेकर गुरुवार को विवाद बढ़ने लगा, तो प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सिरकार ने मीडिया से यही कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि किस स्तर पर मोदी के इंटरव्यू का संपादन किया गया है? वे इस मामले की जांच करा लेंगे। इस मामले में कांग्रेस का नेतृत्व डीडी न्यूज के बचाव में खड़ा हो गया है। केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में बाकायदा मीडिया कांफ्रेंस कर डाली। उन्होंने कहा है कि डीडी न्यूज ने इंटरव्यू के किसी हिस्से को संपादित कर भी दिया हो, तो इसमें इतना हो-हल्ला मचाने की क्या जरूरत है? क्योंकि, किसी मीडिया संस्थान के संपादकों को प्रसारण सामग्री के संपादन का अधिकार तो होता ही है। ऐसे में, इस अधिकार को चुनौती देना वे ठीक नहीं समझते।

चिदंबरम ने कहा है कि टीम मोदी देशभर में यह प्रचारित कर रही है कि यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियों के चलते ही देश में महंगाई बढ़ी है। जबकि, इस तरह की बातें सरासर झूठ हैं। सच्चाई यह है कि भाजपा शासित राज्यों ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों पर केंद्र सरकार का सहयोग नहीं किया। इसी के कारण सरकार जीएसटी और डायरेक्ट टैक्स कोड के नियमन लागू नहीं कर पाई। जबकि, इन नीतियों से देश का काफी फायदा होने वाला था। भाजपा के नेता इन मामलों में हमेशा दोहरे मापदंड अपनाते रहे हैं। वे निजी बातचीत में कुछ और कहते थे। लेकिन, संसद में वे सरकार के कामकाज में लगातार बाधा बनते थे। चिदंबरम ने मीडिया से कहा है कि मोदी ने यदि प्रियंका गांधी को अपनी बेटी जैसा करार किया है, तो वे उनकी इस सदाशयता का स्वागत करते हैं। लेकिन, उन्हें यह पता नहीं है कि प्रियंका गांधी वाड्रा, नरेंद्र मोदी को अपना पितातुल्य मानने में खुश होंगी या नहीं?

चिदंबरम ने यह टिप्पणी की तो कुछ देर बाद ही चुनावी मिशन में लगीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया से कह दिया कि वे तो राजीव गांधी की ही बेटी हैं। उनकी इस टिप्पणी का सीधा निहितार्थ यही माना गया कि प्रियंका को मोदी की बेटी जैसी होना स्वीकार नहीं है। उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी से लेकर प्रियंका गांधी तक लगातार चुनावी अभियान में 2002 के गुजरात दंगों को लेकर मोदी की भूमिका पर उंगलियां उठाती रही हैं। प्रियंका तो कई मौकों पर कह भी चुकी हैं कि जिस शख्स पर हजारों परिवारों को तबाह करने के आरोप लगे हों, जिन पर देश के अल्पसंख्यक भरोसा करने को तैयार नहीं हों। भला, वह शख्स प्रधानमंत्री की कुर्सी के लायक कैसे हो सकता है? प्रियंका की आक्रामक हाजिर जवाबी और उनकी चुटीली टिप्पणियों से टीम मोदी के लोग खासे परेशान समझे जा रहे हैं। यह बात अलग है कि अब प्रियंका की चुनावी सक्रियता अमेठी तक ही रह गई है। लेकिन, मुश्किल यह है कि टीवी मीडिया में उन्हें लगातार कवरेज मिल रही है। यदि मोदी ‘बेटी’ समझकर ही प्रियंका की टिप्पणियों पर कुछ नहीं बोलने की रणनीति पर कायम रहते हैं, तो आखिर के दो चुनावी चरणों में भाजपा को काफी नुकसान हो सकता है।

लेखक वीरेंद्र सेंगर डीएलए (दिल्ली) के संपादक हैं। इनसे  [email protected] संपर्क के जरिए किया जा सकता है।
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