सीएम ने दी प्र्रेस और नेताओं को चुनौती

vasundhara 10मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रेस और भाजपा नेताओं को खुली चुनौती दी है। 7 नवम्बर को जयपुर में ईटीवी न्यूज चैनल में ही राजस्थानी भाषा के आधा घंटे के एक बुलेटिन और शामिल करने पर हुए समारोह में राजे ने खुलकर अपने दर्द को बताया और चेताया कि इन हरकतों से कुछ भी होने वाला नहीं है। राजे ने कहा कि आज प्रिन्ट और न्यूज चैनलों की विश्वसनियता को खतरा है। टीआरपी बढ़ाने के चक्कर में न्यूज चैनल ऐसे खबरे प्लांट करते है जिनमें सच्चाई नहीं होती। पिछले दिनों राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की खबरों की ओर इशारा करते हुए राजे ने कहा कि इन सबसे ही मीडिया की साख खराब हुई है। भाजपा नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग यह समझती है कि उल्टी सीधी खबरे छपवा कर कुछ हासिल हो जाएगा, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि कुछ भी होने वाला नहीं है। मेरे साथ प्रदेश की जनता है और जनता सब समझती है। सीएम ने कहा कि मीडिया में कारपोरेट का प्रवेश हो गया है इसलिए वे अपने स्वार्थ की वजह से भी पढ़ाते और दिखाते है लेकिन इन सब का मेरे उपर कोई प्रभाव पडऩे वाला नहीं है। ईटीवी न्यूज चैनल के हेड जगदीशचन्द्र पर कटाक्ष करते हुए सीएम ने कहा कि जगदीश जी ब्यूरोक्रेट्स से सफल बिजनेस मेन भी बन गए है। इस समारोह में सभी तरह के लोग है। मैं इस तरह के कार्यक्रमों में उपस्थित लोगों के बारे में भी अच्छी तरह समझती हूं। उन्होंने माना कि ईटीवी की पकड़ देश के कई प्रांतों में है और इसका श्रेय सफल बिजनेसमेन को ही जाता है। सीएम के टेड़े अंदाज को देखते हुए जगदीशचन्द्र ने कहा कि राजस्थान में कुछ भी नहीं होने वाला है। मैडम अगले चार साल सीएम बनी रहेगी यह बात मैं दावे से कह सकता हूं। 2019 के अंत में एक बार फिर ईटीवी ऐसा ही कार्यक्रम सीएम मैडम की उपस्थित में करेगा। जगदीश चन्द्र ने बड़े ही स्पष्ट शब्दो में कहा कि ईटीवी को  तो केवल सीएम मैडम की ही कृपा चाहिए। राज्य सरकार के विज्ञापनों से मिलने वाली राशि ही इस चैनल को चलाने में सहायक होती है। वैसे भी प्रादेशिक चैनल को कारपोरेट घरानों के विज्ञापन नहीं मिलते है।
राजस्थानी से कंट्रोवर्सी पर नाराज :
हालाकि ईटीवी का समारोह राजस्थानी के बुलेटिन के शुभारंभ पर था लेकिन पूरे समारोह में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने का मुद्दा छाया रहा। अपने भाषण में सीएम ने कहा कि यहां बेवजह कंट्रोवर्सी की जा रही है। भाजपा के घोषणापत्र में राजस्थानी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का वायदा कर रखा है। अब यह मेरी जिम्मेदारी है और किसी को भी वकालात करने की जरूरत नहीं है। इससे पहले राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रन्नोति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकारसिंह लखावत ने बताया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरू सिंह शेखावत के कार्यकाल में उन्होंने मान्यता के लिए कितनी मेहनत की थी। लखावत ने कहा कि महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं की वीर गाथाएं भी राजस्थानी में लिखी हुई है। लखावत के साथ-साथ राजस्थानी के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करने वाले प्रेम भंडारी ने जब मान्यता दिलाने की बात कही, तभी सीएम को नाराजगी प्रकट करनी पड़ी।
उत्साह में सीएम :
एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में ही सीएम ने जिस प्रकार मीडिया और भाजपा नेताओं पर गंभीर टिप्पणी की उससे साफ प्रतीत हो रहा था कि राजे पूरे उत्साह में है। उत्साह का एक कारण इसी दिन सुबह हुई भाजपा की बैठक भी रही। इस बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री और राजस्थान के प्रभारी जे.पी.लड्डा भी मौजूद थे। सभी आशंकाओं को परे धकेलते हुए लड्डा ने राजे की जमकर तारीफ की। राजे ने भी बताया कि गत दस माह के शासन में कितना काम हुआ है। सब जानते है कि लड्डा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आंख और कान है। जब मोदी के आंख कान ही तारीफ कर रहे हो तो फिर सीएम को डरने की क्या जरूरत है। अब वे चाटुकार सर्तक हो जाए जो सत्ता के तलुवे चाट कर मालामाल होते रहे है।

(एस.पी.मित्तल)

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