कांग्रेस-भाजपा में टिकट की गणित उलझी, घमासान तेज

congress-bjpसीकर:नगर परिषद चुनाव में दोनों सियासी दलों कांग्रेस -भाजपा में टिकट बांटने का गणित उलझ गया है और अधिकृत सूची जारी होते ही बागियों की बहार आ जायेगी.इसी के चलते टिकट बंटवारे की प्रकिया को लम्बा खीचा जा रहा है.
कांग्रेस में सारा दारोमदार पूर्व मंत्री राजेन्द्र पारीक पर है.इंका की एक अदद टिकट चाहने वाले पारीक साहब को रिझाने का कोई प्रयास छोडना नहीं चाहते जबकि उनकी अपनी गणित व स्वभाव है,जो कईयों को बागी बना देगा.टिकट बंटवारे में वे अपनी हार का हिसाब -किताब भी करना चाहेंगे.यदि एेसा हुआ तो पंजा कमजोर होता नजर आयेगा.पार्टी के दूसरे जिम्मेदार नेता सीकर के मामले में चुप्पी साधे हुए है.इतना जरुर है कि उन्होने ने अपनी एकाधी पसंद पारीक को बता दी है.
उधर भाजपा में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.पहले ही निकाय चुनावों में साख बचाने में जुटी भगवा पार्टी में वर्चस्व संघर्ष चल रहा था ऊपर से मुस्लिम कार्ड खेलने से दुबली पर दो सवार वाली कहावत चरितार्थ हो रही है.नीमकाथाना विधायक प्रेम सिंह बाजौर को फ्री हैंड मिलने से पूरा संगठन,स्थानीय विधायक और संघ पृष्ठ भूमि के लोग गौण हो गये है.उनकी राय को इतना ही महत्व मिल रहा है कि वे अपने इलाके तक ही सीमित हो गये है.मुस्लिम वार्डों में सर्वेसर्वा वाहिद चौहान हो गये है और दूसरे वार्ड में स्थापित नेताओं को एक-एक टिकट के लिए एडी से चोटी तक का जोर लगाना पड रहा है.
कुल मिलाकर कांग्रेस -भाजपा का संघर्ष चुनावी समर में देखने को जरुर जनता को देखने को मिलेगा पर अभी टिकट चाहने वाले कडे संघर्ष की राह पर है.

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