गांधी भक्त क्यों बन रहे है पीएम मोदी?

narendra-modiप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन दिनों महात्मा गांधी के कुछ ज्यादा ही भक्त बनने का प्रयास कर रहे है। 16 नवम्बर को आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर में मोदी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का भी अनावरण किया। अनावरण समारोह में मोदी ने एक चौंकाने वाली बात कही। मोदी ने कहा कि कुछ लोग यह आरोप लगा रहे है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद ही मैं महात्मा गांधी को याद कर रहा हूं, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं जब भाजपा का साधारण कार्यकर्ता था, तब 1999 में आस्ट्रेलिया आया था। उस समय सबसे पहल मैंने ही प्रस्ताव रखा कि आस्ट्रेलिया में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगनी चाहिए और आज मुझे खुशी है कि मेरे हाथों से ही प्रतिमा का अनावरण हुआ है।
मोदी के इस कथन से जाहिर है कि मोदी तो 1999 में ही महात्मा गांधी के भक्त है, लेकिन राजनीतिक क्षेत्रों में यह सवाल पूछा जाने लगा है कि आखिर नरेन्द्र मोदी स्वयं को गांधी जी का भक्त दर्शाने की कोशिश क्यों कर रहे है? असल में महात्मा गांधी विश्व में एक जाना पहचाना नाम है। कांग्रेस ने अपने 60 साल के शासन में कभी भी विश्व भ्रमण में महात्मा गांधी को भुनाने का प्रयास नहीं किया, जबकि मोदी यह जानते है कि दुनिया में फैलती उपभोक्तावादी संस्कृति में बिकने वाला माल ही चलेगा। ऐसे में यदि महात्मा गांधी का नाम लेकर जापान, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और दूसरे अन्य देशों में कोई बात कही जाए तो दुनिया के लोग जरूर सुनेंगे। यानि जो कल कांग्रेस ने नहीं किया उस काम को अब नरेन्द्र मोदी कर रहे है। इसलिए मोदी ने भारत में भी महात्मा गांधी की जयन्ती से भारत स्वच्छ अभियान की शुरूआत की। ऐसा नहीं कि नरेन्द्र मोदी की स्वयं की दुनिया में कोई पहचान नहीं है, लेकिन जब मेरी अपनी पहचान के साथ महात्मा गांधी का नाम लेते हैं तो मोदी का ही सम्मान बढ़ता है। भारत में मोदी समर्थकों को मोदी का गांधी भक्त बनना अच्छा न लगे, लेकिन मोदी एक सफल बिजनेसमैन की तरह दुनिया में भारत का वो सब माल बेचना चाहते है जो बिक सकता है। -(एस.पी.मित्तल)

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