आसुमल सिरुमलानी नाम बदलकर हो गया 10000 करोड़ रुपये का बापू आशाराम ?

sohanpal singh
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आसाराम का जन्म 17 अप्रैल 1941को ब्रितानी भारत के। नवाबशाह जिले के बेराणी गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, हुआ था। उनकी माँ का नाम महँगीबा एवं पिता का नाम थाऊमल सिरूमलानी था।1947 में बंटवारे के समय वे और उनके परिवार के सभी लोग भारतीय अधिराज्य के गुजरात राज्य के अहमदाबाद में स्थापित हो गये। धन-वैभव सब कुछ छूट जाने के कारण परिवार आर्थिक संकट के चक्रव्यूह में फँस गया। अहमदाबाद आने के बाद आजीविका के लिए थाऊमल ने लकड़ी और कोयले का व्यवसाय आरम्भ किया। परिस्थितियों में सुधार होने के बाद उन्‍होंने शक्कर का व्यवसाय भी शुरू किया। पिता के निधन के बाद, उन्होंने अपनी माँ से ध्यान और आध्यात्मिकता की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने घर छोड़ दिया और देश भ्रमण पर निकल पड़े। भ्रमण करते-करते वृन्दावन चले
अपने व्यक्तिगत जीवन में आसूमल ने लक्ष्मी देवी से विवाह कर लिया जिससे उनके एक पुत्र नारायण साईं और एक पुत्री भारती देवी उत्पन्न हुए।

आसुमल से आशाराम
वृन्दावन में गुरू से दीक्षा लेने के बाद आसूमल ने अपना नाम बदल कर आसाराम रख लिया और घूम घूम कर आध्यात्मिक प्रवचन के साथ-साथ स्वयं भी गुरु-दीक्षा देने लगे। उनके सत्संग कार्यक्रमों में श्रद्धालु भारी संख्या में पहुँवने लगे। लगभग 20,000 छात्र तो उनके अहमदाबाद में दिसम्बर 2001 में हुए सत्संग में ही पहुँचे थे।अगस्त 2012 में गोधरा के समीप उनका हैलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें संयोग से आसाराम व पायलट सहित सभी यात्री सुरक्षित बच गये।यद्यपि इस दुर्घटना में सभी का बच जाना महज एक संयोग था परन्तु उनके भक्तों ने इसे बापू का चमत्कार मान लिया। उसके बाद उनके सत्संग में शामिल होने वालों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी होती चली
अगस्त 2013 में बापू आसाराम के ऊपर जोधपुर में उनके ही आश्रम में एक षोडशी (सोलह साल की) कन्या के साथ कथित अप्राकृतिक दुराचार के आरोप लगे। दो दिन बाद नाबालिग कन्या के पिता ने दिल्ली जाकर पुलिस में इस काण्ड की रिपोर्ट दर्ज़ करायी। पुलिस ने बलात्कार पीड़िता का मेडिकल टेस्ट कराया और जब इस बात की पुष्टि हो गयी कि रिपोर्ट झूठी नहीं है तब उसने कन्या का कलमबन्द बयान लेकर सारा मामला राजस्थान पुलिस को ट्रान्सफर कर दिया।आसाराम को पूछताछ हेतु 31 अगस्त 2013 तक का समय देते हुए सम्मन जारी किया गया। इसके बावजूद जब वे हाजिर नहीं हुए तो दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ। सी आर पी सी की धारा 342 (गलत तरीके से बन्धक बनाना), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक हथकण्डे) के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज़ करने हेतु जोधपुर की अदालत में सारा मामला भेज दिया। फिर भी आसाराम गिरफ़्तारी से बचने के उपाय करते रहे। उन्होंने इंदौरजाकर प्रवचन देना प्रारम्भ कर दिया। पण्डाल के बाहर गिरफ़्तारी को पहुँची पुलिस के साथ बापू के समर्थकों ने हाथापायी की।आखिरकार रात के बारह बजे तक प्रतीक्षा करने के बाद जैसे ही 1 सितम्बर 2013 की तारीख आयी, राजस्थान पुलिस ने आसाराम को गिरफ़्तार कर लिया और विमान द्वारा जोधपुर ले गयी उन्होंने नाबालिग कन्या के सभी आरोपों को नकारते हुएकेन्द्र में सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी पर ही उनके विरुद्ध साजिश रचने का प्रत्यारोप (उल्टा आरोप) लगा दिया।

स्वयंभू भगवान् सलाखों के पीछे
फिलहाल आसाराम जोधपुर की जेल में बन्द हैं और जमानत के लिये प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपनी जमानत के लिये राम जेठमलानी को अपना वकील नियुक्त किया। जो एक प्रख्यात अधिवक्ता हैं। राजस्थान उच्च न्यायलय में जेठमलानी द्वारा यह दलील दी गयी कि आरोप लगाने वाली लड़की बालिग है व मानसिक रूप से विक्षिप्त है तथा उनके मुवक्किल (आसाराम) को एक साजिश के तहत फँसाया गया है। टीवी चैनल पर यह समाचार देखते ही शाहजहाँपुर में रह रही पीड़ित बालिका ने आहत होकर अपने पिता से कहा कि वह अब जीना नहीं चाहती। पीड़िता के पिता ने कहा कि आसाराम को तो सजा न्यायालय से मिलेगी लेकिन उनकी बेटी पर मिथ्या आरोप लगाने वाले वकील को ईश्वर की अदालत में दण्ड मिलेगा। बहरहाल, अदालत ने आगामी 1 अक्टूबर 2013 तक का वक्त। वकील जेठमलानी को सबूत जुटाने के लिये दिया।
1 अक्टूबर 2013 को अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से आरोप लगाया गया कि आसाराम। बाल यौन शोषण (पीडोफिलिया ) नाम की बीमारी से ग्रस्त हैं। इस सम्बन्ध में एक चिकित्सक का प्रमाण पत्र भी पेश किया गया। अभियोजन पक्ष के वकील का यह दावा जेठमलानी के उस दावे पर हुकुम का इक्‍का साबित हुआ जिसमें उन्‍होंने नाबालिग बच्‍ची को पुरुषों की ओर आकर्षित होने की बीमारी की दलील दी थी। पुख्ता सबूतों को देखते हुए जज ने आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी ?
जोधपुर की निचली अदालत ने यौन शोषण के आरोपी आसाराम की जमानत पर शुक्रवार को बहस सुनने के बाद फैसला शनिवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। जिला एवं सेशन न्यायालय(जोधपुर जिला) के न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास की अदालत में आसाराम की जमानत की पैरवी के लिए वरिष्ठ बीजेपी नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी पेश हुए। इसके पहले शुक्रवार को विशेष विमान से जोधपुर पहुंचे स्वामी का आसाराम के समर्थकों ने फूल बरसाकर स्वागत किया
जमानत याचिका पर बहस पूरी होने के बाद कोर्ट से बाहर निकले स्वामी ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि आसाराम को जमानत मिल जाएगी और वे जल्द जेल से बाहर आ जाएंगे। स्वामी ने कहा कि यदि किसी कारण आसाराम को यहां से जमानत नहीं मिलती है तो वे आगे अपील करेंगे। स्वामी ने कहा कि आसाराम को फंसाने में विदेशी ताकतों का हाथ है। धर्मान्तरण के काम में जुटी विदेशी ताकतों के काम में आसाराम बाधक बने हुए थे, इस कारण उन्हें फंसाया गया है। बाद ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। वहीं, आसाराम ने कोर्ट से बाहर निकलते ही कहा कि बहस पूरी हो चुकी है। अब जो होगा सो देखा जाएगा।
आसाराम की जमानत याचिका दो बार निचली अदालत में, दो बार हाईकोर्ट में तथा एक बार सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद छठीं बार अपर सत्र न्यायालय में लगाई गई थी, जिसकी पैरवी के लिए स्वामी जोधपुर आये थे ।
स्वामी के साथ कई सहयोगी वकील भी यहां आए। सुरक्षा के कारण पुलिस ने उनके साथ आए वकीलों को गेट पर ही रोक दिया था। इससे ये वकील नाराज हो गए और उन्होंने पुलिस के साथ तकरार शुरू कर दी। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। हालांकि, हंगामे के बाद कुछ वकीलों को अंदर जाने दिया गया।
अंतोगत्वा जो होना था वही हुआ और जमानत की अर्जी ख़ारिज हो गई और हिन्दुतत्व के ठेकेदार सुब्रमण्यम स्वामी हाथ मसलते रह गए
लेकिन अब एक नया खुलासा हुआ है ? आयकर विभाग ने इंदौर के ठिकानो पर छापेमारी करके जो। कागजात एकत्र किये हैं उनसे संकेत मिल रहे हैं कि बापू आशा राम की संपत्ति10000 करोड़ रुपये से भीअधिक की है उन्होंने कई बिल्डरों को भी उधार दिए हुए हैं ? और। भी कई बढे पूंजीपतियों को उधार पर रूपया दिया हुआ है इस प्रकार से आशाराम को अनुमानित 300 करोड़ रूपये की वार्षिक ब्याज की प्राप्ति होती है
नामी जमीन-जायदाद के सौदे और वित्तीय लेनदेन ज्यादातर कथित तौर पर नकदी में-करीब 2,200 करोड़ रु. से अधिक के हैं. — 500 से अधिक लोगों को मोटी ब्याज दर पर 1,635 करोड़ रु. नकद कर्ज दिए गए.— दो अनजान-सी अमेरिकी कंपनियों&सोहम इंक और कोस्टास इंक में 156 करोड़ रु. निवेश किए गए. संदेह है कि इस मामले में विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) का उल्लंघन किया गया, क्योंकि किसी भी निवासी भारतीय के विदेश में सीधे निवेश करने की मनाही है.— कथित तौर पर 8 करोड़ रु. की रकम आसाराम और उसके बेटे साईं के खिलाफ बलात्कार के मामलों की जांच-पड़ताल से जुड़े पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और चिकित्सा अधिकारियों को घूस देने के लिए अलग से रखी गई थी.कागज पर इन सभी का कुल योग भारी-भरकम 4,500 करोड़ रु. बैठता है. लेकिन जांचकर्ताओं का कहना है कि पुलिस ने पुरानी सर्कल दरों पर ही इस रकम का आकलन किया है, अगर जमीन-जायदाद की कीमत मौजूदा बाजार दरों पर आंकी जाए तो आसाराम का कुल गोरखधंधा 10,000 करोड़ रु. से ज्यादा का होगा.
हालांकि साईं के वकील इन आरोपों को बकवास बताते हैं. रिश्वत के मामले में साईं के वकील कल्पेश देसाई ने इंडिया टुडे से कहा, “नारायण साईं और दूसरों को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है ताकि आसाराम बापू और साईं को और गहरे फंसाया जा सके.” वे कहते हैं कि कथित तौर पर पुलिस जिसे “संगीन दस्तावेज” मान रही है, वह कुछ खास नहीं है. हालांकि देसाई उसके ब्यौरे बताने से यह कहकर इनकार कर देते हैं कि मामला अदालत में है.
एस पी सिंह , मेरठ !

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