खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे

sohanpal singh
sohanpal singh
हुआ यूँ की उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायधीशों की संविधान पीठ ने सरकार से जजों की कोलिजियम द्वारा नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया के लिए सुझाव के तौर पर मसौदा तैयार करने के लिए कहा ! लेकिन N J A C के मामले में उच्चतम न्यायलय द्वारा पिटी सरकार अब अपनी झेंप मिटाने के कृत्रिम उपाय का सहारा ले रही है जिससे जनता को लगे की मोदी सरकार बहुत दृढ इच्छा शक्ति वाली सरकार है। और मोदी सरकार ने पीठ के समक्ष सुझाव देने से इनकार कर दिया ? क्या यह उच्चतम न्यायालय और सरकार के बीच टकराव का सन्देश नहीं है ! क्योंकि सरकार अपने अस्तित्व के लिए कार्य कर रही है जबकि उच्चतम न्यायलय देश में न्यायायिक व्यवस्था के उच्च मानदंड स्थापित करने के प्रयास कर रहा है की न्याय व्यवस्था में राजनितिक हस्तक्षेप बंद हो जाये ? इस लिए सरकार के उच्च पदों पर बैठे लोगों का उच्च शिक्षित होना अति आवश्यक है जिससे अनावश्यक टकरावों का कोई स्थान न हो?

S P Singh। मेरठ

error: Content is protected !!