नेहरू की गुटनिरपेक्ष नीति का अंत ? यह अब तक का इतिहास है जो भी देश अमेरिका की गोद में बैठा है वह देश कभी भी पनप नहीं सकता है ? मोदी और मोदी सरकार महान है क्योंकि देश की जनता ने उन्हें सरकार चलाने का जनादेश दिया है ? लेकिन यह भी उतना ही सच है की देश की त्रुटिपूर्ण चुनावी प्रक्रिया जो केवल किसी भो पार्टी और सरकार के गठन के लिए व्यक्तियों के चुनाव केवल बहुमत के आधार पर करती है यहाँ प्रतिशत का कोई आधार ही नहीं है ? वर्तमान सरकार भी केवल 31.3 प्रतिशत जनता का मत प्राप्त कर सकी है यानि बहुमत से काम ! इसलिए अपनी स्थापित विदेश निति को पलायन से पहले जनता का मैंडेट लेना चाहिए ! क्योंकि या विचार ही गलत है की केवल शांति काल में ही भारत और अमेरिका एक दूसरे के हवाई अड्डे इस्तेमाल करेंगे वे तो आज भी हो रहे है ! जब हमारे नागरिक विमान अमेरिकी ही नहीं दुनिया के सभी देशो में निर्बाध रूप में सफलता पूर्वक आते जाते है ? यहाँ किसकी आँखों में धूल झोंकने कार्य हो रहा है?
वैसे भी इस समझौते से भारत को कोई लाभ होगा की नहीं यह तो भविष्य ही बताएगा लेकिन अमेरिका को कोई फायदा होगा या नहीं यह हम भी जानते हैं क्योंकि आज तक का इतिहास है की वह कभी भी घाटे में नहीं रहा है अगर उसको घाटा हुआ भी है वह उसकी गलत रणनीति का ही अंजाम था वह वियतनाम हो ईरान हो अफगानिस्तान हो ईराक हो ? इसलिये वह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था में सेंध लगाना चाहता है और वह हमारे सैनिक हवाई अड्डो की अन्दरूनी प्रक्रिया को जानने की चाहत में है ! इसके विपरीत की वह अपने घर में ही बैठ कर दुनिया भर की जासूसी करना जनता है तो वह भारत में अपना अड्डा क्यों बनाना चाहता है ? जाहिर है की वह पाकिस्तान में पिछले 50 से अधिक वर्षों से फिजिकली उपस्थित है तो फिर फिर भारत में क्यों ?
एस पी सिंह, मेरठ ।