नागौर के लाडनूं पुलिसथाने के हैड-कॉन्सटेबल श्रीमान् रामस्वरूप विश्नोई को वहां के सी.आई. नागरमल कुमावत की सूचना पर कि ‘‘वो आनन्दपाल गैंग को पुलिस की गुप्त सूचनाएं उपलब्ध कराता है‘‘, इस पर कार्यवाही करते हुए पुलिस अधीक्षक ने निलम्बित कर दिया, ऐसी खबर लाडनूं के संवाददाता द्वारा दैनिक भास्कर अखबार में प्रकाशित हुई थी, जिसका मैंने पूर्व में भी उल्लेख किया था, अब विश्वसनीय सूचना जो नागौर में हर आदमी के मुंह पर चर्चा का विषय है कि ‘‘उसी मुख्य आरक्षी, रामस्वरू विश्नोई ने गुप्त सूचनाएं एकत्रित कर उच्च अधिकारीयों को बताया कि लाडनूं थाना हल्के में बड़े उच्च स्तर का जुआ-सट्टा होता है‘‘, इस पर नागौर के उच्च अधिकारीयों ने बिना सी.आई. नागरमल कुमावत को बताए उनके हल्के में चल रहे जुए की फड़ पर छापा मारा और 5 लाख से ज्यादा रकम का जुआ पकड़ा और केस बनाया, ये पुलिस में चोर-सिपाही का खेल तकरीबन हर जिले में शुरू हो गया है और रामस्वरूप, मुख्य आरक्षी के ममेरे भाई राजस्थान पुलिस में संभाग स्तर पर एक जिले में पुलिस अधीक्षक हैं और उनकी सरपरस्ती में ही वे नौकरी कर रहे हैं, रामस्वरूप जी से अपेक्षा है कि जैसे उन्होंने अपने हल्का थाने का निलंबित हुए बाद जुआ पकड़वाया है वैसे ही नागौर में अवैध खनन, अवैध शराब की ब्रांचें और डोडा पोस्त के केस भी पकड़वाएं और जब वह अब सामाजिक सरोकारों से जुड़ ही गए हैं, तो राजस्थान पुलिस पर लगे कलंक आनन्दपाल व उसकी गैंग को भी पकड़वाएं, उन पर यही आरोप लगा था कि वे आनन्दपाल को पुलिस की गुप्त सूचनाएं देते हैं, अपने उपर लगे दाग को मिटाने का इससे अच्छा स्वर्ण अवसर और कोई नहीं हो सकता, इससे उनकी और राजस्थान पुलिस की गरिमा और छवि को चार चांद लगेंगे, ऐसा भी कहा जाता है कि नागौर में आनन्दपाल को पकड़वाने में श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है, इसलिये भी नागौर पुलिस उस टीम को सहयोग नहीं कर रही जो आनन्दपाल को पकड़ने के लिये बनी है, अगर रामस्वरूप विश्नोई पकड़वाते हैं तो इसका सारा श्रेय उन्हें मिलेगा और गैलेन्ट्री अवार्डों से भी सम्मानित होंगे।
राजेश टंडन, वकील, अजमेर।