नई करेन्सी आने का देश, राजनीति तथा अधिकारी वर्ग पर क्या पड़ेगा प्रभाव ?

राजेश टंडन
राजेश टंडन
*1. यह है राजनीतिक विश्लेषण:-*
Canon of Taxation में प्रतिपादित सिद्धान्त है कि *नई मुद्रा पुरानी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है,* मोदी जी ने वायदा किया था कि विदेश से काला धन लाएंगे परन्तु वो तो देश के अन्दर से ही काला धन निकाल रहे हैं और देश में त्राहीमाम-त्राहीमाम मचवा रहे हैं, यह योजना पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की थी परन्तु स्वर्गीय इंदिरा गांधी की बायोग्राफी में यह लिखा था कि *‘‘इमरजेंसी लगाना और करेन्सी बदलना दोनों किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए आत्मघाती कदम हैं‘‘* तो तात्कालीन सरकार ने उसे टाल दिया, 500 और 1000 के नोट बन्द करने का पता केवल तीन व्यक्तियों को था एक तो स्वयं मोदी, दूसरे वित्त मंत्री अरूण जेटली, एवं तीसरे आर.बी.आई. के गवर्नर उर्जित पटेल और खूफिया तौर पर भाजपा सरकार को मोदी सरकार में बदलने वाले मोदी जी के फाईनेन्सर्स जैसे आडानी, अम्बानी, कृष्ण भाई पटेल निरमा साबुन वाले, विष्णु भाई पटेल, सदभाव इंफ्रा. जैसे उद्योगपतियों ने जो 50-50 हजार करोड़ की कम्पनीयां हैं उन लोगों को यह बात मोदी जी द्वारा गुप्त रूप से पता थी और उन्होंने अपने तरीकों से अपने काले धन को सफेद कर लिया और अपनी आयकर विवरणिकाओं को चुस्त-दुरूस्त कर लिया, अब ये लोग आने वाले 5 राज्यों (यू.पी., उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब) के चुनाव में मोदी जी की इच्छा के अनुरूप पैसे बांटेंगे और चुनाव का खर्चा वहन करेंगे, बाकी अन्य पार्टीयां पैसों के लिये इतनी मोहताज हो जायेंगी कि वो प्रचार-प्रसार में, शराब बांटने में, पैसा बांटने में मोदी जी से बहुत पीछे रह जायेंगी।
*2. देश के सन्दर्भ में:-*
इसका दूसरा लाभ और होगा कि देश में कश्मीर समस्या, झारखंड समस्या, आसाम समस्या जड़-मूल से खत्म हो जाएगी, जब फंडिंग नहीं होगी तो कौन लड़ेगा, इन आतंकवादीयों एवं उग्रवादियों को पैसे नहीं मिलेंगे तो कौन लड़ेगा, किस बात का प्रलोभन देंगे, कौनसी नौकरीयां देंगे इनके आका इन उग्रवादियों को बिना पैसे के तो यह उग्रवादी और आतंकवादी अपनेआप समाप्त हो जाएंगे, क्या देश में पुलिस या आर्मी बिना तंख्वाह या बिना पैसे के कभी लड़ी है ? या कोई इनमें बिना तंख्वाह के भर्ती हुआ है ? और ये दोनों ही देश की कानून व्यवस्था, आपदा और रक्षा करते हैं उसके लिए पूरा पैसा लेते हैं और सरकार को गन्ने की तरह चूस लेते हैं, यह सर्वविदित है और पुलिस तो वेतन भी लेती है और देशवासियों का माल और मांजना दोनों ही लेती है, बिना पैसे लिये बात ही नहीं करती।
*3. अब अधिकारी वर्ग का विश्लेषण:-*
इसका सबसे बड़ा नुकसान अधिकारी वर्ग को होगा, आई.ए.एस., आई.पी.एस., डॉक्टरों, पुलिस के आर.पी.एस. व थानेदारों, कस्टम और इन्कम टैक्स एवं एक्साइज़ एवं मलाईदार विभागों के अधिकारीयों के दो नम्बर के पैसे व्यापारियों के यहां लगे हुए हैं और वो उसका नियमित हिस्सा और ब्याज लेते हैं, व्यापारी इनके पैसों से अपना व्यापार करते हैं और खेल खिलाते हैं, अब यह पैसा व्यापारी इनको देने में असमर्थ रहेगा और अपना धन व्हाइट बनाने के चक्कर में इनका दोहन करेगा और इनको बाद में इनका हिस्सा अगर पकड़ा भी दिया तो काले धन में ही पकड़ा जाएगा, जो इनके लिये भी शून्य होगा, कल एक रात में ही सोने का भाव 5000 रूपये बढ़ गया, इस करेन्सी बदलने से सबसे ज्यादा घाटे में भ्रष्ट अधिकारी रहेंगे, उनका पैसा डूबेगा, जो उन्होंने करोड़ों रूपया भ्रष्ट तरीकों से कमाकर अघोषित रूप से लगा रखा है, तकरीबन सभी अधिकारीयों के बच्चे या तो विदेशों में या देश के बड़े मंहगे स्कूलों व कॉलेजों में पढ़ रहे हैं, जहां प्रतिमाह पढ़ाई का खर्चा ही लाखों रूपये में आ रहा है, जो उनके वेतन से भी कहीं अधिक है, पता नहीं वे कैसे अपने आयकर रिटर्न भरते हैं ?
मोदी जी ने पहले तो बेनामी सम्पत्तियों के कानून को कसा, फिर वॉलेन्ट्री डिसक्लोज़र की 45 प्रतिशत की स्कीम लाए और फिर एकदम से करेन्सी बदल दी, जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी, इससे सारे देश का मर्नी-सर्कयूलेशन लड़खड़ा गया है, परन्तु *मोदी जी का यह कदम देश के हित में है और गरीब आदमी के हित में है, इससे गरीब आदमी को बहुत लाभ होगा, और जिसके पास व्हाइट मनी है*, जिन अफसरों ने अपने रिश्वत के पैसों को ब्याज पर एवं व्यापारीयों के साथ जो इनवेस्टमेंट (निवेश) किया हुआ है उसकी ऐवज में उससे दुगुनी कीमत की जमीन की बेनामी फाईलें ले रखी हैं वे 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं और लाभ में हैं परन्तु उसमें अधिकांश तकनीकी अधिकारी हैं और राजस्व विभाग के अधिकारी एवं पुलिस के थानेदार, स्वायत्त शाषी संस्थाओं के अधिकारी हैं जो 10-10 करोड़ रूपये की 10-10 फाईंले रख कर बैठे हैं जिनका वेतन ही कुल 60-70 हजार रूपये है, अगर व्यापारी उनको समय पर ब्याज दे तो बहुत अच्छा और नहीं दे तो उनकी फाईलों को अपने या अपने परिवार के नाम रजिस्ट्री करवा लेंगे, इस फाईलों वाले काले धन को मोदी जी नहीं बचा पायेंगे, *इसके लिये मुझे ही कुछ प्रयत्न करने पड़ेंगे और दिमाग लगाकर मोदी जी को उपाय बताना पड़ेगा,

राजेश टंडन, वकील, अजमेर।*

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