क्या सरकार ही भ्रम पैदा कर रही है ?

sohanpal singh
sohanpal singh
हम यह बिलकुल भी नहीं समझ पा रहे हैं कि , सरकार को सरकार में बैठे बुद्धिमान लोग चला रहे है या कोई नौसिखिया हाफ पेंट से कन्वर्ट होकर फुल पेंट का का संघी साथी चला रहे हैं किसके घर में कितना सोना रखा जाय यां न रखा जाय इसमें बहुत बड़ा भ्रम फैलाया जा रहा है , सोना रखना या न रखना किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला है इनकम टेक्स से इसका कोई लेना देना नहीं , क्योंकि सरकार ने वेल्थ टैक्स समाप्त कर दिया क्योंकि वेल्थ टेक्स अधिनियम 1957 की धारा 2 (ea) में उल्लखित है की किसी भी व्यक्ति की वेल्थ में क्या क्या सम्मलित होगा ? चूँकि वेल्थ टैक्स समाप्त कर दिया गया है इस लिए वैध तरीके से कोई कितना सोना रख सकता है कितना नहीं किसी भी एक्ट में उल्लेखित नहीं है ? सरकार जिस मात्रा में सोने को रखने की बात कर रही है वह आयकर अधिनियम की धरा 132 और 132A के अंतर्गत सर्च की कार्यवाही से सम्बंधित है कि कोई भी विवाहित महिला 500 ग्राम स्वर्ण आभूषण और अविवाहित 250 ग्राम और पुरुष 100 अपने पास रख सकता है जिसको सर्च करने वाला अधिकारी किसी भी हालात में जब्त नहीं कर सकता अधिक होने पर अपने विवेक से इस विषय में निर्णय ले सकता है ? चूँकि वर्तमान में कोई ऐसा कानून नहीं है जो आपको संपत्ति रखने के अधिकार को रेस्ट्रिक्ट या सिमित करता हो बल्कि संविधान की धारा 300A यह अधिकार देती है “Person not to be deprived of property save by authority of law. No petson shall be deprived of his property save by authority of law .” इस लिए यदि हमे संविधान संरक्षण प्रदान करता है तो क्या सरकार के रोज रोज के भर्मित आदेश हमे किस ओर ले जा रहे है क्या हम अराजकता की और बढ़ रहे है ? इस विषय वस्तु का सत्यापन जरूरी है और सरकार फैलाये जा रहे भ्रम का स्पष्टिकरण करे ?
एस.पी.सिंह, मेरठ ।

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