सरकार फेक न्यूज बनाने और उसे वायरल करने वालों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करती?

दोस्तों वर्तमान युग सोशल मीडिया का युग है।हम सब के हाथों में 24 घंटे मोबाइल पड़ा रहता है।ज्यादातर लोग मोबाइल पर ही सारी न्यूज देखते हैं।मनोरंजन व टाइम पास से लेकर देश विदेश की सारी जानकारियां हम लोग मोबाइल के जरिये ही प्राप्त करते हैं।और तो और हमारे बच्चे तो इसके एडिक्ट हो चुके हैं।रही सही कसर इस ऑनलाइन कॉर्सेस ने पूरी कर दी।जबसे ऑनलाइन कॉर्सेस स्टार्ट हुए हैं।हमारे बच्चे भी अधिकांश समय मोबाइल फोन पर ही बिताते हैं।और वर्तमान हालातों में तो जबकि हम सब लोग घरों में बैठे हैं।इसलिए हम सब लोग मोबाइल फोन और टी.वी.के सामने ही बैठे रहते हैं।इनको चलाने वाली कंपनियों को भी अपना बिजनिस करना है।इसलिए ये कंपनियां रोज फेक मेसेज निकालती है।सरकार इसकी तह तक जाए,जांच करे तो इस बात का पर्दाफाश हो सकता है।और वर्तमान हालातों में ये जरूरी भी है।आज सोशल मीडिया के जरिये कितनी सांप्रदायिकता परोसी जा रही है।मुझे ये समझ में नहीं आता इसके पीछे कौनसी साजिश काम कर रही है।आखिर वो लोग,वो कंपनियां चाहती क्या है?क्यों वो हमारी सोसायटी में जहर घोलने पर तुले हुए हैं।और ये सब कुछ देखकर सरकार ने आंखे क्यों बन्द कर रखी है?कितने ऐसे फेक मेसेजेज भेजने वालों के खिलाफ कार्यवाही की गई है?क्यों नहीं कार्यवाही की जा रही है?अभी कुछ मेसेज,ऑडियो और वीडियो फर्जी चल रहे हैं।जिसके बारे में ये बात सामने आ चुकी है कि वो वीडियो,ऑडियो फर्जी हैं।आप सोचिए हम सबने इन्हीं वीडियो,इन्हीं ऑडियो को शेयर करने में अपनी कितनी बड़ी भूमिका अदा की थी।और जब ये पता लगा कि ये तो फर्जी न्यूज थी।अब हमारे पास पछतावा करने के अलावा क्या विकल्प है?शायद कुछ नहीं?लेकिन क्या ये जरूरी नहीं जिसने ये फेक न्यूज जनरेट की,जिसने इसे वायरल किया उसके खिलाफ कार्यवाही हो? मैं समझता हूं बहुत जरूरी है। *आइए मैं कुछ उदहारण बताता हूं आप सबको जो हम सबने शेयर किए और वास्तव में वो फर्जी हैं।*
✍️(1) मुख्यमंत्री गहलोत व शिक्षा मंत्री द्वारा जारी वो आदेश जिसमें केंद्रीय बोर्ड के छात्रों की एक्जाम डेट जारी की गई थी।दिन भर चली इस न्यूज का शाम को शिक्षा मंत्री जी द्वारा खंडन करने पर हम सबको लज्जित होना पड़ा कि ये न्यूज फेक है।
(2) कल ही की बात है दिल्ली के कुछ इलाकों में शराब की दुकानें खुलने की न्यूज सुबह से शाम तक खूब वायरल हुई और आखिरकार शाम को जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने टी.वी.पर बयान देकर कहा कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
(3) कई लाशों वाली इटली शहर की तस्वीर से संबंधित वीडियो जो हम सबको परोसी जा रही है, हम और आप देख रहे हैं,वो झूठी है।
वास्तविकता में ये एक फिल्म कांटेजिअन का दृश्य है।
(4) जीओ कंपनी की और से 498/- का फ्री रीचार्ज, जो मेसेज हम सबके पास आ रहा है, वो झूठ है,आप जानते हो ये व्यापारी हैं।बल्कि ऐसे मेसेजेज की वजह से हजारों लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं।उनके अकाउंट से सारे पैसे उड़ गए।वो किसी को बोलने की स्थिति में नहीं है।पता चला माल तो गया,माजने भी गए।
(5) एक वीडियो में कई लोग जमीन पर पड़े सहायता के लिए चिल्ला रहे हैं।ये वीडियो भे फेक है।ये वीडियो वर्ष 2014 के एक आर्ट प्रोजेक्ट से संबंधित है।
(5) मेदांता हास्पिटल के डाॅ. नरेश त्रेहान की नेशनल इमर्जेंसी की अपील का वीडियो और ऑडियो जो हम लोग देख रहे हैं उसका खुद डॉक्टर त्रेहान ने खंडन किया है कि ये गलत है।
(7) एक डॉक्टर्स दंपति की तस्वीर जिसमें उन्हें 134 पीड़ितों का इलाज करने के बाद संक्रमण फैलने व गले लगकर अंतिम विदाई का सीन दिखाया जा रहा है।ये भी सरासर झूठी खबर है।ये एयरपोर्ट पर एक नव दंपति द्वारा ली गई तस्वीर थी।
(8) कोविड 19 के माध्यम से जो कोरोना की दवा बताई जा रही है, वो बीमारी के इलाज की दवाई नहीं है।हम सब देख रहे हैं कि अभी तक कोई वैक्सीन बनी ही नहीं है।
(9)रशिया की सरकार ने कोरोना की रोकथाम के चलते 500 शेरों को सड़कों पर छोड़ दिया है,ये वीडियो भी बिल्कुल फेक है।यह एक फिल्म का दृश्य है।
तो मित्रो मेरा यही कहना है कि हम सब लोग मिलकर सोशल मीडिया पर फैली हुई गंदगी को हटाने में पॉजिटिव सहयोग करें।झूठी अफवाहों के बहकावे में आकर अपना धैर्य नहीं खोएं। हमारे द्वारा शेयर की गई झूठी पोस्टों से किसी भी व्यक्ति पर गलत इफेक्ट पड़ सकता है।साथ ही झूठी खबरों को प्रकाशित करना, उन्हें शेयर करना भी इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है।हम ये कह कर नहीं बच सकते कि हमारा इंटेंशन नहीं था,या हम इसे सही समझ रहे थे।ये समाज और ये कानून ये मानता है कि हम इस सभ्य समाज के बुद्धिजीवी व्यक्ति हैं।हम जो भेज रहे हो वो सही है।इसलिए दोस्तों कोई भी पोस्ट आपके पास आती है।उसे पहले धैर्यपूर्वक पढ़ें,देखें फिर अपने विवेक को काम में लें।आपको लगता है कि आपका विवेक काम नहीं कर रहा है तो किसी विवेकशील व्यक्ति से राय ले लें।राय देने वाला व्यक्ति भी खुश होगा कि चलो किसी ने तो इंटेलिजेंट समझा।और दोस्तों शेयर वही पोस्ट करो जो सरकार ने जारी की हो।फिर वो चाहे केंद्र की सरकार हो चाहे राज्य की सरकार। *और दोस्तों इसी लेख के माध्यम से मैं माननीय नरेंद्र जी मोदी हमारे प्रधानमंत्री जी और प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से यह आग्रह कर रहा हूं कि सोशल मीडिया पर जो लोग ऐसी झूठी पोस्टें बनाकर शेयर कर रहे हैं।उन्हें चिन्हित कर दंडित करें।उन्हें सदैव के लिए सोशल मीडिया से दूर रहने के आदेश जारी करें।जय हिंद।*
डॉ.मनोज आहूजा एडवोकेट एवं पत्रकार।9413300227

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