दिल्ली की दावेदारी ‘विजय’ विहीन

bjp logoदिल्ली भाजपा के बारे नरेन्द्र मोदी ने अपनी दिल्ली की रैली में कहा था कि दिल्ली बीजेपी में विजय ही विजय हैं। लेकिन आज जब दिल्ली में विधानसभा के लिए सत्तर सीटों की दावेदारी घोषित की गई तो पूरी लिस्ट विजय विहीन नजर आई सिर्फ एक विजय को छोड़कर जिनका नाम विजय भगत है और जिन्हें बीजेपी ने बादली से टिकट दिया है। विजय भगत के अलावा दिल्ली में विजय मल्होत्रा, विजय गोयल और यहां तक कि विजय जॉली का भी टिकट काट दिया गया है।

दिल्ली में कल तक विजय गोयल भले ही अपने आपको मुख्यमंत्री का दावेदार घोषित कर रहे थे लेकिन आज भाजपा की तरफ से दिल्ली की 70 सीटों के लिए जिन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है उसमें विजय गोयल का नाम नदारद है। यानी, अगर मुख्यमंत्री का पद नहीं तो दिल्ली में विजय गोयल की राजनीति नहीं। अब यह तो पता नहीं कि विजय गोयल ने टिकट नहीं लिया या फिर उन्हें दिल्ली में टिकट दिया ही नहीं गया लेकिन सत्तर नामों की लिस्ट में विजय गोयल का नाम नदारद हैं। हालांकि बीजेपी के सीएम कैंडीडेट डॉ हर्षवर्धन अपनी परंपरागत सीट कृष्णा नगर से मैदान में उतरेंगे जबकि प्रदेश के एक दूसरे कद्दावर नेता विजेन्दर गुप्ता को चांदनी चौक सीट से टिकट दिया गया है जो कि इससे पहले इसी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।

जिस तरह से विजय गोयल को विधानसभा की टिकट नहीं दिया गया उसी तरह एक और विजय का पत्ता साफ कर दिया गया है जिनका नाम विजय जॉली है। विजय जॉली एक बार साकेत से विधायक रह चुके हैं और दूसरी बार बीते विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित से लड़कर परास्त भी हो चुके हैं। इस बार विजय जॉली को भी टिकट नहीं दिया गया है। और विजय मल्होत्रा तो खैर राजनीतिक रूप से अब रिटायर ही हो चुके हैं। इसलिए उनको टिकट न देना कोई नायाब बात नहीं है। हां, पार्टी ने उनकी प्रिय सीट ग्रेटर कैलाश से उनके बेटे अजय मल्होत्रा को टिकट जरूर दे दिया है। इसी तरह दिवंगत साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को महरौली से टिकट दिया गया है।

विजय विहीन भाजपा ने चार सीटें साथी अकाली दल के लिए भी छोड़ दिया है जिसमें राजौरी गार्डेन, हरीनगर, कालका जी और शाहदरा शामिल हैं। बाकी 66 सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारकर ‘विजय’ विहीन विजय का ऐलान कर दिया है। http://visfot.com

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