दिल्ली में मतदान का 2009 का रिकार्ड टूटा

parliament election 2014-2बदलाव का संकेत देते हुए गुरुवार को 91 संसदीय क्षेत्रों के मतदाता घर से बाहर निकले। छिटपुट घटनाओं के बीच तीसरे चरण के मतदान में कई क्षेत्रों में मतदाताओं ने रिकॉर्ड कायम किए। राजधानी दिल्ली के मतदाताओं ने भी बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। सुदूर केरल हो या पगड़ी की जंग से दो-चार हरियाणा या फिर नक्सली आतंक से जूझ रहा बिहार-झारखंड-छत्तीसगढ़, सभी जगह मतदाताओं का हौसला देखने लायक था। इस दौरान बिहार के मुंगेर और छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ पर हमला भी हुआ। अंडमान द्वीप भी इस बेला में किसी से पीछे रहना नहीं चाह रहा था, वहां 67 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के तीसरे चरण में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश की दस, बिहार की छह, झारखंड की चार, हरियाणा की दस, मध्य प्रदेश की नौ, महाराष्ट्र की दस, केरल की बीस, ओड़िशा की दस सीटों पर मतदान था। इसके अतिरिक्त चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की एक-एक सीट पर वोट पड़े। ओड़िशा की 70 विधानसभा सीटों पर भी मतदान हुआ। असम के छह बूथों पर हुए पुनर्मतदान में 76 प्रतिशत मत पड़ने की सूचना है। वोटिंग मशीन में गड़बड़ी के चलते जोरहाट, डिब्रूगढ़ और तेजपुर में ये वोट पड़े। असम में प्रथम चरण में सात अप्रैल को मतदान हुआ था।

दिल्ली वालों ने दिखाया दिल
दिल्ली ने लोकसभा चुनाव में मतदान का नया रिकॉर्ड बनाया। यहां की सात सीटों पर औसतन 64 प्रतिशत मत पड़े। पिछले लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 52.3 प्रतिशत रहा था। यहां पर मतदान करने वालों में उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, उप राज्यपाल नजीब जंग, मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत आदि प्रमुख थे।
मुजफ्फरनगर व शामली में रिकॉर्ड मत पड़े
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग की दस सीटों पर 65 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के प्रति उत्साह का आलम यह था कि मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की कतारें लग गई थीं। इन सीटों पर सन 2009 के लोकसभा चुनाव में 51.30 प्रतिशत मतदान हुआ था। दंगा प्रभावित रहे मुजफ्फरनगर में औसत से ज्यादा 68 प्रतिशत और शामली में 71 प्रतिशत मत पड़े।
नक्सलियों को धता बता भरपूर मतदान
बिहार और झारखंड में नक्सलियों के मतदान बहिष्कार के आह्वान को धता बताते हुए मतदाताओं ने भरपूर मतदान किया। बिहार की छह सीटों पर 55 प्रतिशत वोट पड़े। पिछले लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर मात्र 41 प्रतिशत वोट पड़े थे। नवादा और जमुई संसदीय सीटों के 22 बूथों पर नक्सलियों के बाधा पहुंचाने के प्रयासों के चलते पुनर्मतदान के आदेश दिए गए हैं। झारखंड के घोर नक्सल प्रभावित कोडरमा, चतरा, पलामू और लोहरदगा संसदीय सीटों पर 58.3 प्रतिशत मतदान हुआ है। यहां पर सुरक्षा बलों की चौकसी के चलते कोई अप्रिय वारदात नहीं हो सकी। यहां भी 2009 के लोकसभा चुनाव से करीब नौ प्रतिशत बढ़कर मतदान हुआ। छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट पर नक्सली हिंसा के बीच 47 प्रतिशत मतदान हुआ। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों की धमकी के बावजूद 61 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।
हरियाणा में साख की लड़ाई, 71 फीसद मतदान
हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों के लिए हुए मतदान में करीब 71 प्रतिशत मत पड़े। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां की सीटों पर 68 प्रतिशत मतदान हुआ था। यहां पर भाजपा-हजकां गठबंधन, कांग्रेस और इनेलो के बीच त्रिकोणीय संघर्ष था। मतदान का प्रतिशत बढ़ने की वजह हर सीट पर कांटे की टक्कर को कारण माना जा रहा है। चंडीगढ़ सीट पर रिकॉर्ड 74 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां पर फिल्मी हस्ती किरण खेर भाजपा की टिकट पर तो प्रख्यात टीवी कलाकार गुल पनाग आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में थीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल कांग्रेस की टिकट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे थे।
जम्मू में 66 फीसद से ज्यादा मतदान
जम्मू सीट पर मतदाताओं ने जोश दिखाते हुए 66.29 प्रतिशत मतदान किया। मध्य प्रदेश की नौ सीटों पर शाम तक करीब 51 प्रतिशत मतदान की सूचना है। इस दौरान केरल में करीब 74 फीसद मतदान हुआ, तो महाराष्ट्र की दस संसदीय सीटों पर शाम तक 62.3 फीसद मतदाता पोलिंग स्टेशनों तक पहुंचे। पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की उम्मीदवारी वाली नागपुर में शाम पांच बजे तक 50 फीसद हुआ था। जबकि लक्षद्वीप में 71.34 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ।
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