अमित शाह और आजम खान के चुनाव प्रचार पर रोक

amit-azamनई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में गरमाई बयानों की राजनीति पर चुनाव आयोग ने अपना डंडा चला दिया है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी अमित शाह और सपा के मंत्री आजम खां पूरे चुनाव में कोई रोड शो या रैली नहीं कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने निर्देश जारी कर प्रदेश प्रशासन को आजम खां के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने को भी कहा है। साथ ही पूरे देश के चुनाव अधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि वे आचार संहिता उल्लंघन के मामले में तत्काल कार्रवाई करें। ‘अपमान का बदला लेने’ के शाह के बयान के खिलाफ आयोग ने स्वत: कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया था। वहीं गाजियाबाद और रामपुर की चुनावी सभा में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को ‘कुत्ते का बच्चा’ और गुंडा कहने के साथ-साथ सेना को धार्मिक आधार पर बांटकर आजम खां निशाने पर आ गए थे। चुनाव आयोग को शुक्रवार की शाम तक दोनों में किसी नेता का जवाब नहीं आया। लिहाजा आयोग ने सख्त कार्रवाई करते हुए दोनों नेताओं पर चुनाव प्रचार से रोक लगा दिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आयोग ने निर्देश दिया कि दोनों नेताओं की सार्वजनिक रैली या रोड शो पर प्रतिबंध लगाएं। शनिवार की शाम तक इस निर्देश के पालन पर रिपोर्ट भी मांग ली गई है। अक्सर विवादों में रहने वाले आजम खां और कुछ हद तक स्थानीय प्रशासन से भी आयोग बहुत क्षुब्ध है। नोटिस में आयोग ने यह कहने से संकोच नहीं किया कि नोटिस जारी होने के बावजूद आजम अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं और आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। लेकिन अखिलेश सरकार ने उनके खिलाफ अब तक एफआइआर भी दर्ज नहीं कराई। आयोग ने निर्देश दिया कि आजम के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएं। आयोग का कहना है कि दोनों नेताओं के बयान जानबूझकर धार्मिक आधार पर दिए गए हैं। अमित शाह ने बिजनौर में एक पार्टी कार्यक्रम में कहा था कि लोगों को अपमान का बदला लेना पड़ेगा। हालांकि भाजपा की ओर से बचाव करते हुए कहा गया था कि बदला लेने की बात वोट देने के संदर्भ में कही गई थी।

भाजपा ने अपील की थी कि शाह के पूरे भाषण को सुना जाए, जिसमें उन्होंने कहा था कि आज के युग में वोट ही बदला लेने का हथियार है। लेकिन आयोग ने उस जवाब को खारिज करते हुए कहा था कि व्यक्तिगत नोटिस का जवाब अमित शाह को खुद ही देना होगा। शाह ने यूं तो एक दिन का समय मांगा था लेकिन शुक्रवार तक कोई जवाब नहीं आया। वहीं, आजम की ओर से न तो कोई जवाब आया और न ही उनकी जुबान पर कोई लगाम लगी। पिछले दिनों में आजम रोजाना किसी न किसी नए बयान को लेकर चर्चा में रहे हैं। शुक्रवार की शाम ही आयोग ने पूरे देश के चुनाव अधिकारियों को भी निर्देश जारी कर दिया। स्थानीय उच्चाधिकारी को आगाह किया गया है कि आचार संहिता के उल्लंघन में तत्काल कार्रवाई करें। एफआइआर दर्ज करने जैसे मामलों में भी देर नहीं होनी चाहिए। वहीं राजनीतिक दलों और नेताओं पर जिम्मेदारी होगी कि वह अपनी रैली या कार्यक्रम की मूल गैर संपादित सीडी भी मुहैया कराएं।

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