हनुमानगढ़ जिले में खुलेंगी ग्राम सेवा सहकारी समितियां

हनुमानगढ़। सहकारिता राज्य मंत्राी श्री अजय सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार काश्तकारों की सुविधा के लिए हनुमानगढ़ जिले की सभी शेष 65 ग्राम पंचायत में ग्राम सेवा सहकारी समितियां एवं मिनी बैंक खोलेगी। उन्होने कहा कि प्रदेश की सभी सहाकारी समितियां और मिनी बैंक जो कम्प्यूटराईज्ड नहीं हैं उन्हें भी शीघ्र ही कम्प्यूटराईज्ड कर दिया जाएगा।
श्री सिंह शनिवार को हनुमानगढ़ जिले की टिब्बी और रावतसर पंचायत समितियों के विभिन्न गांवों में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जन अभाव अभियोग सुन रहे थे। उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार यह प्रयास भी करेगी कि प्रदेश की सभी सहकारी समितियों के माध्यम से स्थानीय काश्तकारों की रोजमर्रा की जरूरतों की सभी सामग्री का भी विक्रय किया जाए ताकि उन्हें अपनी जरूरतों के लिए शहर की और नहीं भागना पड़े।
सहकारिता राज्य मंत्राी ने कहा कि राज्य सरकार अपने बीकानेर संभाग के दौरे के दौरान संभाग के सभी जिलों के लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने की कोशिश कर रही है। उन्हांेने कहा कि जनता से प्राप्त उनकी समस्याओं के आवेदनों को तब तक कम्प्यूटर में सुरक्षित रखा जाएगा जब तक कि उनका निराकरण नहीं होगा। उन्हांेने स्थानीय जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा कि आपकी समस्याओं का तत्काल निपटारा करने का प्रयास कर रही है।
श्री सिंह ने कहा कि जनता को अपने कार्यों के लिए सरकारी दफ्तरों के बार बार चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार ने अधिकारियों को जन समस्याओं के निराकरण के लिए स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि वे जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता को देने में कोई कोताही नहीं बरतें। अन्यथा उनके विरूद्ध सरकार भी कार्रवाई करने में कोताही नहीं बरतेगी।
सहकारिता राज्य मंत्राी ने टिब्बी और रावतसर क्षेत्रा की सेम समस्याओं को भी मौके पर जाकर देखा। उन्हांेने सेम समस्या को गम्भीर बताते हुए कहा कि इससे जहां भूमि का उपजाऊपन खत्म होता है, वहीं भूमि भी किसी काम की नहीं रहती। उन्हांेने सेम समस्या के निराकरण के लिए मुख्यमंत्राी के निर्देश पर राज्य स्तर पर योजना बनाकर शीघ्र निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
श्री सिंह ने डबलीखुर्द गांव के लोगों की विशेष मांग पर इन्दिरा गांधी नहर पर 22 आरडी. पुल से भारी वाहनों केे आवागमन को तत्काल बन्द करने के निर्देश दिए। उन्हांेने स्कूल भवनों की जीर्ण शीर्ण हालत पर शाला के प्रधानाध्यापक को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि स्कूल भवनों की जीर्ण शीर्ण एवं जर्जर हालत को किसी भी योजना के तहत सुधारने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी।
सहकारिता राज्य मंत्राी ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रातः 9 बजे टिब्बी क्षेत्रा के शेरेका, 4 केएसपी, मेहरवाला तथा मसीतावाली गांव में लोगों के जन अभाव अभियोग सुने। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जो काश्तकार अपनी कृषि भूमि में मकान बनाकर रह रहे हैं, राज्य सरकार उन्हें भी पट्टे देने की व्यवस्था करेगी।
श्री सिंह ने दोपहर में डबलीखुर्द, चाहूवाली तथा डबलीकलां गांव में जन समस्याएं सुनी तथा उनके निराकरण के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। इसके बाद उन्हांेने टिब्बी क्षेत्रा के मिर्जावाली मेर, सरदारपुरा खालसा, गंधेली, कनवानी, 25 आरडब्ल्यूडी, चक 4सीवाईएम, रामपुरा मटोरिया, निरवाल एवं न्योलखी गांव में भी लोगों के जन अभाव अभियोग सुने।
सहकारिता राज्य मंत्राी ने रावतसर पंचायत समिति के चाईयां गांव में जनता को समय पर वाटर वर्क्स से पेयजल उपलब्ध न कराए जाने की शिकायत पर वाटर वर्क्स द्वारा निर्मित डिग्गी निर्माण का भी अवलोकन किया तथा उसको कवर करने के निर्देश दिए। उन्हांेने हनुमानगढ़ के जिला कलक्टर श्री पी.सी.किशन को जलदाय विभाग के सहायक अभियन्ता श्री आर.पी.सिंह यादव की पेयजल संबंधी कुप्रबन्धन की जांच जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से करवाने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि यदि जांच में अधिकारी दोषी पाया गया तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्राी के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजहंस उपाध्याय भी मौजूद थे।

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान मृतक के आश्रित को मिला मुआवजा
सहकारिता मंत्राी श्री अजय सिंह ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान एक मृतक के आश्रित को मुआवजा दिलवा कर राहत पहुंचाई।
श्री सिंह ने शनिवार को बीकानेर संभाग मेें सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान टिब्बी पंचायत समिति के मिर्जावाली मेर ग्राम में अभाव अभियोग सुनते समय आये प्रकरण में इस गाव के निवासी राजाराम के वारिस रमेश को ओलावृष्टि का मुआवजा हाथों-हाथ दिलवा कर उसके आश्रित को राहत पहुंचाई।

ग्रामीणों समस्याओं को सुना
हनुमानगढ़। जनजाति क्षेत्राीय विकास मंत्राी श्री नन्दलाल मीणा ने आज यहां भादरा क्षेत्रा की जोगीवाला, सूरतपुरा, भिरानी, डाबड़ी व सांगड़ा सहित अन्य ग्राम पंचायतों पर भ्रमण कर ग्रामीणों समस्याओं को सुना और हल करने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए।
जनजाति क्ष्ैात्राीय विकास मंत्राी ने इस मौके पर कहा कि लोकतंत्रा में जनता की भागीदारी महत्वपूर्ण है तथा शासन के नुमाईन्दों की जनता के प्रति जवाबदेही है। उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीणों की समस्याओं को हल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। श्री मीणा को जागीवाला गांव में ग्रामीणों ने पेयजल योजना तथा सिंचाई सुविधा के लिए माईनर बनाए जाने की बात कही। अतिवृष्टि से पानी निकासी व कृषि महाविद्यालय खोले जाने बात कही। इस मौक पर सबसिडी ग्रामीणों को उपलब्ध करवाई जाने के मंत्राी द्वारा निर्देश दिए गए।
सूरतपुरा गांव में हिसार से भादरा, मोजाण तक सड़क निर्माण के प्रस्ताव, खालों के लेवल की समस्या से जनजाति क्षेत्राीय विकास मंत्राी को ग्रामीणों ने अवगत करवाया। भिरानी गांव में ग्रामीणों ने 1955 से पहले भू-आंवटन की खातेदारी के मामले से अवगत करवाया तथा अन्तिम छोर पर बसी आबादी के लिए जल आपूर्ति व्यवस्था सूचारू करने बारे में भी मंत्राी जी को अवगत करवाया। भादरा विधायक श्री संजीव बैनीवाल ने इस मौक पर बताया कि सिद्धमुख परियोजना के सिल्ट सफाई, मरम्मत आदि के 11 सूत्राी कार्यो के प्रस्ताव सरकार को भेजे गए हैं। ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण में हटाए गए टयूब्वैल के मामले से मंत्राी जी को अवगत करवाया गया। जिसे उन्हांेने गम्भीरता पूर्वक लेते हुए इस पर कार्रवाई करने का उन्हे आश्वासन दिया। पाईपलाईन के रिसाव ठीक कर जलदाय विभाग के अधिशाषी अभियन्ता को सूचित करने के निर्देश दिए। जनजाति क्षेत्राीय विकास मंत्राी को डाबडी गांव में ग्रामीणों ने विद्यालय में अध्यापकों की कमी, सिद्धमुख वितरिका, सड़क, चकबन्दी, राजस्व सम्बन्धी समस्याओं से अवगत करवाया। जिसे उन्होने कार्रवाई कर हल करने की बात कही। सागड़ा गांव में ग्रामीणों ने गांव के अन्दरूनी रोड़ को सीसी रोड़ बनाने व पशु चिकित्साल की व्यवस्था, जल आपूर्ति समस्याओं से अवगत करवाया।
जनजाति क्षेत्राीय विकास मंत्राी ने निनाण, जनाणा, मेहराणा, छानीबड़ी गावों में ग्रामीणों समस्याओं को सुना। इस मौके पर प्रमुख शासन सचिव श्री सुदर्शन सेट्ठी, प्रधान कान्ता पूनिया, प्रशासनिक व अन्य विभागों के अधिकारी, सरपंच व अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।
-मोहन थानवी

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