वर्षा ऋतु में पशुओं की देखभाल करें

अजमेर। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गुलाबचन्द जिन्दल ने पशुपालको से अनुरोध किया है कि वे वर्षा ऋतु में अपने पशुओं की पूरी देखभाल करें। पशुओं की बाड़े में गन्दगी व पानी एकत्रित नहीं होने दें। पशु को वर्षा में भीगने से बचाएं। बाड़े में अधिक खीचड़ होने पर वहां पशुओं को नहीं बांधे। जीवाणु नाशक दवा का छिडकाव करें जिससे बाडे में मक्खी मच्छर आदि नहीं हों।
डॉ. जिन्दल ने एक विज्ञप्ति में बताया कि पशुपालक पशुओं में वर्षा जनित संक्रामक रोग से बचाव के लिए टीकाकरण करावें। पशु रोग की स्थिति में तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सालय से उपचार करावें। पशुओं की रोकथाम के लिए कृमिनाशक दवा पिलावें। पशुओं को उँचे स्थानों पर रखें। पशुओं के खुरों को अधिक समय तक गीले में नहीं रखें व गलन से बचाव करें। दुधारू पशु की गादी को स्वच्छ करके दूध निकालें। मृत पशु को गढ्डा खोद कर नमक व चूने के छिडकाव के बाद गाड़ें। बाड़े में बिजली के तार खुले नहीं रखें। सूखे चारे को सुरक्षित स्थान पर रखें। कीटनाशक दवाईयां, रसायन बाड़े में नहीं रखें तथा बच्चों की पहुंच से दूर रखें। पानी में भीगा हुआ चारा नहीं खिलावें तथा सूखा चारा मिलाकर खिलावें। पशु को भरपेट हरा चारा नहीं देवें। पशुओं को दुर्गंन्ध युक्त गन्दा चारा, बाँटा नहीं देवें।

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