अजमेर का अतुल्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक सद्भाव आज भी दिशादायी

यूनेस्को क्लब राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर
अजमेर। प्रख्यात इतिहास विद् प्रो. ओम प्रकाश शर्मा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में ज्ञापित किया कि कलह और कठरताग्रस्त दुनियां की वर्तमान दशा में अजयमेरू अजमेर का अतुल्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक सद्भाव आज भी दिशादायी है।
कान्फीडरेशन ऑफ यूनेस्को क्लब एण्ड एसोसिशियसन ऑफ इंडिया 14 वें द्धिवार्षिक सम्मेलन एवं राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय में आयोजित “अजमेर शहर एवं आसपास के एतिहासिक परिदृश्य“ विषय पर बौद्धिक सत्रा में प्रो. शर्मा ने कहा कि राजस्थान के केन्द्र में स्थित अजमेर का इतिहास कला, सांस्कृति, धर्म एवं दर्शन की दृष्टि से गौरवपूर्ण रहा है। यहां सांभर से आए चौहानवंश का राज्य अपने में अनेक गौरव गाथाएं संजोए हुए है। इसी क्रम में इतिहास विद् डॉ. टी.के. माथुर ने अजमेर की ऐतिहासिक विरासत, यहां के सामन्जस्यता संजोए विविध धर्माें के तीर्थ स्थल और पर्यटन केन्द्रों की जानकारी देते हुए बताया कि बीसवीं सदी के प्रारम्भ में ब्रितानी हुकुमत के प्रतिनिधि लार्ड कर्जन अजमेर की भौगोलिक स्थिति और लोक संस्कृति से प्रभावित होकर इसे भारत की राजधानी बनाना चाहते थे। बौद्धिक सत्रा के अध्यक्षीय उद्बोधन में बोलते हुए पूर्व भारतीय प्रशासनिक विद्कारी एवं शिक्षा विद् ए.सी. भट्ट ने यूनेस्को क्लब एंड एसोसियशन ऑफ इंडिया के इस प्रयास को सराहनीय बताते हुए कहा कि देश के दूर-दूर से आए संभागियों का यहां मिलन और प्रशिक्षण उन्हें अपने अपने क्षेत्रों में जाकर कार्य करने की व्यवहारिक प्रेरणा देगा। “पर्यावरण पर आधारित औद्योगिक एवं खनिज विकास“ विषयक बौद्धिक सत्रा में महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभगाध्यक्ष डॉ. प्रवीण माथुर ने बताया कि हमारी पृथ्वी ब्रहामांड की सर्वाधिक मूल्यवान धरोहर है। यदि विकास की दिशा पर्यावरण संरक्षी नहीं रही तो यह अंधीदौड़ महाविनाशकारी सिद्ध होगी। पर्यावरणविद् प्रो. अजय शर्मा ने पर्यावरण सम्मत विकास की अवधारण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अरावली की जीवन्त उपत्यकाएं पूरे विश्व की विरासत हैं। इन्हें “ग्लोबल कॉमन्स पॉलिसी“ से सम्बद्ध किया जाना चाहिए। बौद्धिक सत्रा की अध्यक्ष कान्फीडरेशन ऑफ यूनेस्को क्लब्स के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र भटनागर ने की।
“21वीं शताब्दी में शिक्षा आप की सोच“ विषय बौद्धिक सत्रा में सम्बोधित करते हुए महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के “भारत विद्या अध्ययन संकुल“ पूर्व विभागाध्यक्ष व जैन विश्व भारती लाडनूं के दूरस्थ शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक प्रो. बी.एल.जोशी ने ज्ञापित किया कि आज की बीमारू शिक्षा पद्धति ने शिक्षाथी और शिक्षक देानों का मान घटाया है। भारतीय शिक्षा नीति को हमें जीवन की समग्रता पर आधारित करते हुए 21 वीं सदी की सामयिक चुनौतियों के अनुकूल बनाना चाहिए। राजकीय महाविद्यालय अजमेर के पूर्व प्राचार्य एवं विख्यात शिक्षा विद् डॉ. बद्री प्रसाद पंचोली ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि वर्तमान शिक्षा हमारी महान जीवन्त संस्कृति का सरण कर रही है। यथार्थ शिक्षा आजीवन घटित होने वाली प्रक्रिया है जो लोक संस्कृति का संचारण, सम्वर्धन एवं संरक्ष्ज्ञण कती है। इस दृष्टि से मूल्यपरक शिक्षण जीवन का महानतम पेशा होना चाहिए। इस सत्रा की अध्यक्षता कान्फीडरेशन ऑफ यूनेस्को क्लब्स एंड ऐसोसिएशन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्याम बनवाडी ने की। आज के आयोजित विभिन्न बौद्धिक सत्रों का संचालन करते हुए राजस्थान राज्य यूनेस्को फेडरेशन के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रो एम.पी.एस चन्द्रावत ने अगन्तुक अतिथियों व विशिष्ठ वक्ताओं का स्वागत किया व शैक्षणिक सत्रों की सामयिकता पर प्रकाश डाला।
ग्ुरूवार को आयोजित “स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत“ विषयक बौद्धिक सत्रा में अजमेर से आए चिकित्साधिकारी डॉ. एस.कुमार तथा डॉ. सुष्मिता गौड़ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंडों के आधार पर वर्ष 2019 तक सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ एवं स्वस्थ एंव स्वस्थ राष्ट्र के रूप में विकसित करने पर प्रकाश डाला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150 वीं जयन्ती पर उन्हें हमारा यह श्रेष्ठतम उपहार होगा। सत्रा की अध्यक्षता यूनेस्को क्लब अजमेर के अध्यक्ष श्री नवीन सोगानी ने की।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोहन
गोधूली बेला की विथिका में कन्फरडेशन ऑफ इण्डिया के द्विवार्षिक सम्मेलन में आये प्रतिनिधियों के सम्मान में युनेस्को क्लब अजमेर द्वारा रंगीला राजस्थान संध्या का आयोजन कर उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया कार्यक्रम की शुरूआत रेखा शर्मा ने केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश पर नृत्य की प्रस्तुती की तो दर्शकों ने महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के सभागार को तालियों की गडगड़ाहट से गूंजा दिया पश्चात ब्यावर के मोहित पराशर ये तो सच है कि भगवान है, क्एिज जैमन रूकजा ओ दिल दिवाने, आशीष मोहे लागे ना नजरिया, गीत प्रस्तुत कर वाह वाह बटोरी, के पश्चात अशोक शर्मा रयो कंवारो टाबरियो तथा छोटो सो बालम पर शानदार राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत किया साथ ही उनके कलाकारो ंने अपनी प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का संचालन कृष्ण गोपाल पाराशर ने किया अन्त में सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
धरोहर स्थल चित्राकला प्रतियोगिता कल
यूनेस्को क्लब अजमेर द्वारा विश्व विरासत दिवस के अवसर पर कल 18 अप्रेल को प्रातः 8.30 बजे पुरातात्विक महत्व के स्थल आनासागर बारादरी पर “धरोहर स्थल चित्राकला“ प्रतियोगिता को पुरस्कृत किया जाएगा तथा सभी प्रतियोगियों को प्रमाण पत्रा प्रदान किए जाएंगे।
पदस्थपना समारोह 18 अप्रेल को
राजस्थान राज्य में यूनेस्को संगठनों की फेडरेशन की श्री नेमीचन्द चौपड़ा की अध्यक्षता में नव गठित कार्यकारीणी का पदस्थापना समारोह 18 अप्रेल को दोपहर 12.30 बजे महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के सभागार में आयोगित किया गया है। समारोह में मुख्य अतिथि महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी होंगे तथा कानफीडरेशन ऑफ यूनेस्कों कलब्स के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्याम बनवाडी नवगठित कार्यकारीणी को शपथ दिलाएंगे।

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