महिलाओं एवं बालकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है सरकार

महिला एवं बाल विकास मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने ली विभाग की समीक्षा बैठक
अधिकारियों को संवेदनशील होकर कार्य करने के निर्देश
IMG-20150417-WA0661अजमेर। महिला एवं बाल विकास मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में महिलाओं एवं बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। महिलाओं एवं बालकों के सशक्तिकरण एवं उन्नति के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इन योजनाओं से जुड़े अधिकारी संवेदनशील होकर कार्य करें तभी निचले स्तर तक लाभ मिल पाएगा। विभाग बाल विवाह की रोकथाम, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण, गुणवत्तायुक्त पोषाहार, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, सामूहिक विवाह एवं स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए गम्भीरता से कार्य करे।
महिला एवं बाल विकास मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के समिति कक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग एवं इससे जुड़ी योजनाओं की समीक्षा बैठक ली। बैठक को संबोधित करते हुए श्रीमती भदेल ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग एवं इससे जुड़ी योजनाएं प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण तथा बालकों के विकास से जुड़ी हैं। इनके क्रियान्वयन में अधिकारियों को संवेदनशील होकर जुटना चाहिए। योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नही की जाएगी।
श्रीमती भदेल ने कहा कि अजमेर जिला स्वयं सहायता समूहों के गठन एवं आर्थिक रूप से सशक्तिकरण में अग्रणी रहा है। हमें इन समूहों को और अधिक मजबूत कर आर्थिक रूप से सक्षम बनाना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि और अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उन्हें विभिन्न बैंकों से ऋण सुविधाओं से जोड़ा जाए। नये समूहों के गठन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की महिला आरोग्य समितियों को जोड़कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। इन समूहों के आर्थिक स्वावलम्बन के लिए अजमेर के अरबन हाट बाजार में लगने वाले विभिन्न मेलों मे ंस्वयं सहायता समूहों के उत्पाद भी बिक्री के लिए रखे जाए। उन्हें हैण्डपम्प मिस्त्राी एवं अन्य रोजगारों का भी प्रशिक्षण दिया जाए।
महिला एवं बाल विकास मंत्राी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिलाओं को कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए डिजीटल सहेली योजना के तहत कार्य किया जाए। साथ ही राजस्थान कौशल एवं आजीविका निगम द्वारा लगाएं जाने वाले प्रशिक्षण शिविरों में भी उन्हें प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए।
श्रीमती भदेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ तथा सुकन्या समृद्धि योजना को गम्भीरता से लेकर कार्य करे। बेटी बचाओ योजना के तहत गांव व शहरों में भ्रूण हत्या के खिलाफ अलख जगाकर उन गांवों में विशेष ध्यान दिया जाए जहां बालिका लिंगानुपात बेहद कम है। गांवों में बालिका के जन्म पर कुंआ पूजन, थाली बजाना एवं अन्य तरीकों से खुशी जाहिर करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। आठवीं कक्षा तक की स्कूल छोड़ने वाली बालिकाओं को चिन्हित कर उन पुनः शिक्षा से जोड़ा जाए।
उन्होंने बेटी पढ़ाओ योजना को डिजीटल सहेली योजना के माध्यम से क्रियान्वित करने तथा लोगों को सुकन्या समृद्धि योजना के लाभ से अवगत कराने के निर्देश दिए यह कार्य विभागीय अधिकारियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सतत रूप से किया जाए।
श्रीमती भदेल ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि सामूहिक विवाह अनुदान योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करें ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने सामूहिक विवाह के अनुदान का भुगतान समय पर करने तथा अधिकारियों को स्वयं विभिन्न समाजों के सामूहिक विवाह सम्मेलनों में सम्पर्क कर उन्हें योजना की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
महिला एवं बाल विकास मंत्राी ने आखातीज एवं अन्य अबूझ सावों पर बाल विवाह पर चिन्ता जाहिर करते हुए जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कुरीति से सख्ती से निपटंे। उन्होंने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए विभिन्न स्तर पर सक्षम अधिकारियों को तैनात किया गया है और उन्हें अधिकार देकर सशक्त बनाया गया हैं। े अब तो सबके पास स्मार्ट फोन भी है, जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी सहित आमजन बाल विवाह की फोटो खींचकर सक्षम अधिकारी को वाट्सएप पर भी भेज सकता है। सूचना दूरभाष एवं मोबाईल पर भी दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
श्रीमती भदेल ने कहा कि विभाग के अधिकारी पोषाहार की गुणवत्ता पर भी नजर रखें। वे स्वयं जाकर पोषाहार चखें। उन्होंने आंगनबाडी को समुदाय की गतिविधि का केन्द्र बनाने का आग्रह करते हुए आदर्श आंगनबाडी केन्द्र, महिला समृद्धि गृह सहित अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने कहा कि अजमेर जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार एवं अन्य स्तर के अधिकारियों को बाल विवाह की रोकथाम के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए गए है। निचले स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारी भी इस पर निगाह रखेंगे।
जिला कलक्टर ने जानकारी दी कि महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं एवं बालकों के विकास से संबंधित कार्य किए जा रहे है। महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के पश्चात् उन्हे बैंको के माध्यम से ऋण की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।
बैठक में महिला एवं बाल विकास के विशिष्ट सचिव श्री एच.एल.अटल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रवीण कुमार, उपनिदेशक प्रियंका जोधावत, श्री महावीर सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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