मानवाधिकारों पर विस्तृत चर्चा की गई

आज दिनांक 09 दिसम्बर, 2016 कोए.डी.आर. सेन्टर, संयोगिता नगर, अजमेर के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य मानव अधिकार दिवस पर मानव के नैसर्गिक अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना था। दिनांक 10.12.2016 को मानव अधिकार दिवस के अवसर पर आमजन को मानव के नैसर्गिक अधिकारों के बारे में जागरूक किया जायेगा। बैठक में जिला मुख्यालय पर न्यायिक अधिकारीगण, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारीगण, समाज कल्याण विभाग, मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग, एन0जी0ओ0, नगर निगम, विधि कॉलेज के प्राचार्य आदि के पदाधिकारों को आमंत्रित किया गया था। बैठक में मानवाधिकारों पर विस्तृत चर्चा की गई जिसमें व्यक्ति को समानता, स्वतंत्रता एवं गरिमापूर्ण तरीके से जीने का अधिकार है जो भारतीय संविधान के भाग तीन में मूलभूत अधिकारों में वर्णित है। न्यायालय भी उसको मान्यता देता है इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय समझौते के फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा भी स्वीकार किये गये है। इन अधिकारों में प्रदूषण मुक्त वातावरण में जीने का अधिकार, चिकित्सा सुविधा का अधिकार, अभिरक्षा में यातनापूर्ण और अपमानजनक व्यवहार ना होने संबंधी अधिकार, महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार का अधिकार, स्त्री, पुरूष, बच्चे व वृद्ध लोगों के समान अधिकार। इन अधिकारों का हनन जाति, धर्म, भाषा, लिंगभेद के आधार पर नहीं किया जा सकता। यह सभी अधिकार जन्मजात अधिकार है। इसके अलावा प्रत्येक 14 साल की उम्र तक के बच्चों को शिक्षा प्राप्ति एवं अपना समुचित विकास करने हेतु उचित अवसर पाने का अधिकार प्राप्त है व उनके हनन का मामला राज्य मानवाधिकार के कार्य क्षेत्र में आता है।

पूर्णकालिक सचिव
(वरिष्ठ सिविल जज एवं
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट)
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजमेर

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