पार्षद मोहनलाल शर्मा को कांग्रेस से निकाल बाहर कर दिया गया है। अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेंद्रसिंह रलावता ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। शर्मा पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है। दूसरी ओर शर्मा ने निष्कासित किए जाने के बाद पलटवार किया है। शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि अजमेर बंद के दौरान कांग्रेस कार्यालय पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जो घटना की उसके पीछे रलावता का ही हाथ है।
जानकारी के मुताबिक रलावता ने मोहनलाल शर्मा को पार्टी से निष्कासन के पीछे नगर निगम में नेता प्रति पक्ष की नियुक्ति की मुखालफत और पार्टी मंच की बजाय सार्वजनिक तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों को कारण बताया जा रहा है। रलावता के मुताबिक मोहनलाल शर्मा ने नरेश सत्यावना को नेता प्रतिपक्ष मानने से ही इनकार करते हुए खुद को नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया था।
माला पहने हुए उनके फोटो अखबारों में छपे भी हैं। उन्हें 8 सितंबर को नोटिस देकर जवाब मांगा गया था। उन्होंने 13 सितंबर को अपना जवाब दिया जिसमें अखबारों में छपे अपने बयानों को गलत बताया था। लेकिन उनके फोटो सच्चाई बयान कर रहे थे। उनके जवाब, समाचार पत्रों की कटिंग्स आदि प्रदेशाध्यक्ष को भेज दिए गए थे।
शर्मा अपनी गलती मानने को तैयार नहीं थे, लिहाजा उन्हें अनुशासनहीनता का दोषी मानते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। रलावता ने बताया कि मोहनलाल शर्मा के साथ जो अन्य पार्षद तस्वीरों में थे, उनसे संगठन निरंतर संपर्क में था। उनके जवाब पार्टी को लिखित-मौखिक मिल गए हैं जिसमें उन्होंने खेद जताया है। लिहाजा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हो रही है।