राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों को केंद्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं में काम कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाने की मंजूरी देने के साथ ही इनकी प्रक्रिया का निर्धारण किया है। इस प्रक्रिया में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों को अलग-अलग स्तर के अधिकार दिए गए हैं।
सरपंचों की ओर से विभिन्न कामों के लिए लंबे समय से ठेका व्यवस्था को लागू करने की मांग की जा रही थी। सरपंचों का तर्क था कि वे स्वयं या पंचायत के स्टाफ के काम करवाने में शामिल होने पर अन्य विकास कामों पर ध्यान नहीं दिया जा सकता। दूसरा, काम के लिए की जाने वाली खरीद में दरों या अन्य कारणों से विवाद-घपला होने का अंदेशा रहता था। सरपंचों की मांगों के बाद राज्य सरकार ने राजस्थान पंचायती राज नियम-1996 के नियम 181 में संशोधन किया था। अब प्रक्रिया को लेकर परिपत्र जारी कर दिया गया है।