वेतन विसंगति निवारण समिति द्वारा प्रतिवेदन मागें जाने का किया विरोध

वेतन आयोग केन्द्र के समान देने की की मांग-कच्छावा
राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी परिषद की कोर कमेटी की आज हुई बैठक में राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन नियम 2017 के प्रभावी होने के पष्चात डी0सी0 सामन्त कमेटी द्वारा वेतन विंसगतियो के प्रतिवेदन 29.12.2017 तक मागें जाने का विरोध किया ।
राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी परिषद् के प्रदेष अध्यक्ष अनूप सक्सैना व प्रदेष कार्यकारी अध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियो को वेतन आयोग का लाभ 01.01.16 से नहीं दिया गया है और ना ही. राज्य सरकार द्वारा अनुसूची 5 में किये गये संशोधनों को रद्द किया गया है । जिससे कर्मचारियो को वेतन आयोग का केन्द्र के समान लाभ नहीं मिला वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों व राज्य कर्मचारियों के वेतन एवं सुविधाओं में असन्तुलन होने से राज्य के कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
परिषद के प्रदेष महामंत्री रणधीर सिंह कच्छावा ने बताया कि राज्य सरकार को संगठन द्वारा समय समय पर ज्ञापन, वार्ता के माध्यम से मंत्रालयिक संवर्ग की मुख्य मांगो से अवगत कराते हुये जायज मांगो पर आदेष प्रसारित करने हेतु मांग की जाती रही है किन्तु वित विभाग के आज जारी हुये आदेषो मे पुनः 29 दिसम्बर 17 तक प्रतिवेदन मांगे जाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुये कहा कि राज्य सरकार व सामंत कमेटी को संगठन द्वारा पूर्व में मांग पत्र दिये जा चुके है तथा राज्य सरकार द्वारा गठित उप मंत्रिमंडलिय समिति एवं वेतन विसंगति निवारण समिति के मध्य संगठन की वार्ता होकर प्रमुख मांगो पर सैद्वान्तिक सहमति हो चूकी है उसके पष्चात भी राज्य सरकार द्वारा वेतन विसंगतियो को दूर करने के आदेष प्रसारित नहीं कर रही है राज्य सरकार कर्मचारियो के प्रति संवेदनहिन हो चूकी है तथा उनकी जायज मांगो के साथ न्याय नही कर रही है पुनः प्रतिवेदन मांगकर राज्य सरकार केवल कर्मचारियो को भ्रमित कर रही है तथा उनकी जायज मांगो को लम्बित रखने का प्रयास कर रही है व कर्मचारियो को गुमराह कर रही है । कच्छावा ने कहा कि राज्य सरकार मंत्रालयिक संवर्ग की न्यूनतम ग्रेड पे 3600 करते हुये संवर्ग का तीसरा पद सहायक प्रषानिक अधिकारी को ग्रेड पे 4800 देते हुये राजपत्रित करने की जायज मांग पर आदेष प्रसारित कर सातवे वेतन आयोग में आवष्यक संषोधन कर नगद भुगतान किया जावें ।
(रणधीर सिंह कच्छावा) प्रदेष महामंत्री

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