विद्यालयों में बालचर गतिविधियों को प्रोत्साहित करें

अजमेर। राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाईड मुख्यालय जयपुर ने वर्ष 2012-13 का वार्षिक कार्यक्रम जारी कर विद्यालयों के संस्था प्रधानों से बालचर गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता जाहिर की है। संस्था प्रधानों को राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों को स्पष्ट कर राज्य के प्रत्येक विद्यालय में बालचर गतिविधियों को संचालित करने के लिये कहा गया है और विद्यालय के स्काउट-गाईड गु्रप्स को साल में दो बार सम्भालने, उनमें देश भक्ति व समाज सेवा के भाव जागृत करने के लिये विविध रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित करने की अपेक्षा की गई है।
राज्य सरकार के आदेशानुसार प्रत्येक विद्यालय में स्काउट गाईड की एक यूनिट संचालित करना अनिवार्य है। शैक्षिक दृष्टि से बालचर गतिविधियों को एन.सी.सी., नेवी व एन.एस.एस. के समकक्ष माना गया है।
राज्य संगठन आयुक्त से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष जिला मुख्यालयों पर स्काउटिंग व गाईडिंग गतिविधियों के लिए अध्यापकों हेतु प्रशिक्षण शिविर लगाये जायेंगे। बीस जुलाई को जगतपुरा जयपुर मुख्यालय पर प्रभारी सहायक व जिला कमिश्नर की सेमीनार होंगी। 26 जुलाई तक संघ स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम, कला कौशल, उद्योग प्रशिक्षण, अभिनव शिविर आयोजित किये जायेंगे।
आगामी अगस्त माह में महाविद्यालय प्राचार्य, रोवर, रेंजर लीडर की गोष्ठी 22 अगस्त को जगतपुरा जयपुर में होगी। आपदा प्रबन्धन तथा शिविर, स्काउट गाईड सचिव व कमिश्नर सम्मेलन मंडल स्तर आयोजित होंगे। 31 अगस्त को रोवर रेंजर विकास समिति की बैठकें, वार्षिक अधिवेशन, ग्रामीण स्तर पर बालचर गतिविधियों को प्रोत्साहित करने आदि रचनात्मक कार्यक्रम होंगे।
राष्ट्रपति प्रशिक्षण एवं रोवर -रेंजर मीट माउण्ट आबू में सितम्बर में
स्काउट गाईड मंडल मुख्यालय की ओर से 8 से 12 सितम्बर 2012 तक माउंट आबू में 5 दिवसीय राष्ट्रपति प्रशिक्षण शिविर एवं रोवर-रेंजर मीट आयोजित होगी। रोवर लीडर्स के एडवांस कोर्स, स्टेट कौंसिल की बैंठकें, अक्टूबर में अन्तर्राज्यीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान सेमीनार, 7 नवम्बर को झण्डा दिवस मनाया जायेगा। कब-बुलबुल उत्सव आयोजित होंगे। 25 से 30 दिसम्बर तक सवाई माधोपुर व भरतपुर में रोवर मूट व रेंजर्स मीट होगी।
26 जनवरी 2013 गणतंत्र दिवस पर आपदा प्रबन्धन प्रदर्शन, स्काउट प्रशिक्षण शिविर लगाये जायेंगे। फरवरी में राज्य पुरस्कार रैली होंगी। मार्च में सचिव व सर्किल स्तर पर आयोजकों की संगोष्ठी रखी गई है।

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