कोरोना के खिलाफ जंग में अनुकरणीय उदहारण पेश कर रहे आईटीआई संस्थान

नई दिल्ली, 27 मई, 2020: आज देश भर में सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों यानी कि आईटीआई संस्थानों को बेहतर विशेषज्ञता के एक उदाहरण के तौरपर देखा जा रहा है। कोरोना के इस संकट काल में बढ़ती हुई मांगों को पूरा करने की दिशा में यह संस्थान उच्च गुणवत्ता वाले रीयूजेबल मास्क का निर्माण कर रहे हैं, जो अब लोकप्रिय ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर उपलब्ध होंगे।प्रशिक्षण की बेहतर गुणवत्ता एवं नवाचार के माध्यमोंद्वारा,यह आईटीआई संस्थान कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।हितधारकों के बीच उद्यमशीलता की भावना एवं रूपरेखा को बढ़ाते हुए आईटीआई संस्थान इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद के ऐलान के बाद से अबतक14.15 लाख मास्क का निर्माण कर चुके हैं।

अब इन संस्थानों ने फाइव लेयर्ड मास्क का निर्माण किया है। जोकि सांस लेने योग्य मास्क फेब्रिक के साथ ही नॉन वोवन पॉलीप्रोपीलीन से बने हैं। कॉटन से बने यह मास्क त्वचा के लिए पूरी तरह अनुकूल हैं।यहीं नहीं, इन मास्क की खासियत है कि यह आपको बैक्टीरिया, सूक्ष्म कणों एवं ड्रॉपलेट्ससे भी बेहतर सुरक्षा देते है। आमजनों को यह मास्क आसानी सेप्राप्त हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए मास्क की कीमत काफी कम रखने के साथ ही इसे ऑनलाइन प्लेटफार्मों जैसे शॉपर्स स्टॉप और अमेज़ॅन सहित अन्य वेबसाइटों पर भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। ताकि इसकी उपलब्धता को आसान बनाया जा सके।

आईटीआई संस्थानों द्वारा किए जा रहे सराहनीय कार्य को ध्यान में रखते हुए, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा “कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ जारी इस निर्णायक जंग में देश के सभी आईटीआई संस्थानअपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन संस्थानों ने अपने अपार अनुभवों एवं इनोवेशन के माध्यम से रोबोट, सैनिटाइज़र, रियूजेबल मास्क और एरोसोल बॉक्सेसजैसे कारगर उपकरणों का तेजी से निर्माण किया है। ताकि समय रहते इस महामारी को काबू किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस संकट के बीच न केवल उद्यमशीलता को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि हमारे आईटीआई संस्थानों में उपलब्ध योग्यताओं एवं क्षमता के उच्च मानकों का प्रदर्शन भी सुनिश्चित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों के ऊँचे पैमानों का ही परिणामहैं कि इनके उत्पादों की गुणवत्ता बहुत ही बेहतरीन होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इन अनुसंधानों से कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने में काफी सहायता मिलेगी।”

इस साल के शुरुआत में, ओडिशा के बरहमपुर में स्थित आईटीआई द्वारा अल्ट्रावॉयलेट (यूवी) प्रकाश का उपयोग करके कम दाम में सुरक्षित सैनिटाइजेशन चेंबर को डिजाइन किया था। बेकार पड़े माइक्रोवेव ओवन का उपयोग करके सैनिटाइजर को विकसित किया गया था जिसका उपयोग मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी में अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपकरणों जिसमें फोन, पेन और अन्य उपकरण शामिल है जिसे आसानी से साफ-सफाई करके संक्रमण से बचाया जा सकता है। उसी तर्ज पर आईटीआई ने कोविड-19 महामारी के दौरान चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा रोगियों के उपचार के दौरान पहनने वाला एक कम लागत का ‘एयरोसोल बॉक्स’ और ‘फेस शील्ड्स’ तैयार किया है।

ठीक इसी तरह, आईटीआई कटक ने अपनी उपलब्धियों को बढ़ाते हुएस्वचालित सैनिटाइजर डिस्पेंसर विकसित किया है। स्वचालित सैनिटाइजर डिस्पेंसर के द्वारा भवन / कार्यालय परिसर आदि में प्रवेश करते समय स्प्रे करके हाथों की सफाई करके संक्रमण से बचा जा सकता है। यह धुंध करने वाली जल प्रौद्योगिकी पर आधारित है, जिसे जल संरक्षण से विकसित किया गया था। एक अनुकरणीय उदाहरण स्थापित करते हुए आईटीआई कटक ने कम लागत वाले दो रोबोट विकसित किए हैं, जो स्वास्थ्य कर्मचारियों को संक्रामक वायरस से बचा सकते हैं और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता को कम कर सकते हैं।

error: Content is protected !!