महिला को निर्वस्त्र कर पीटने के मामले में मांगी रिपोर्ट

जयपुर। राजस्थान के आदिवासी अंचल उदयपुर जातीय पंचायत के तालिबानी फरमान से महिला को निर्वस्त्र कर उसके प्रेमी के साथ पेड़ से बांधकर पिटाई करने के मामले ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। कांग्रेस आलाकमान और केंद्र सरकार से लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग एवं राज्य मानवाधिकार आयोग तक ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया है।

गौरतलब है कि उदयपुर के सराड़ा उपखंड क्षेत्र के करकोली गांव से पंद्रह दिन पहले भागी विवाहिता और उसके प्रेमी को रविवार दोपहर ग्रामीण पकड़ कर लाए फिर दोनों को पेड़ से बांधकर उनकी पिटाई की और फिर बाल काट दिए। महिला के कपड़े उतार दिए। पुलिस के बीच बचाव करने पर ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप पथराव किया, जिससे मौके पर मौजूद 20 से 25 पुलिस कर्मी और अन्य घायल हो गए। 24 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस प्रेमी युगल को जातीय पंचायत के चंगुल से मुक्त करा सकी। आरोपी अभी तक पकड़ से बाहर हैं।

इस मामले ने प्रदेश की गहलोत सरकार के लिए मुसीबत बढ़ा दी है। प्रकरण सामने आते ही कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश सरकार और संगठन से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने संज्ञान लेते हुए जांच टीम घटनास्थल पर भेजी है। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एचआर कुडी ने पूरे प्रकरण में संज्ञान लेते हुए सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि गहलोत सरकार ने सत्ता में बने रहने का हक खो दिया है।

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