जब महाराजा ने 1989 में त्रिपोलिया दरवाजा आमजन के लिए खोला

tripoliya gate jaipurजयपुर। गुलाबी नगर की छोटी चौपड से बडी चौपड तक के बाजार को त्रिपोलिया बाजार कहते हैं।इसके ठीक सामने सवाई मान सिंह हाइवे है, जिसे चौड़ा रास्ता के नाम से भी जाना जाता है।गुलाबी नगर के भव्य व आकर्षक त्रिपोलिया दरवाजा जिस पर पीला रंग हो रहा है, महाराजा जय सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह राज प्रसाद का मुख्य दक्षिणी दरवाजा है। त्रिपोलिया नाम से ही स्पष्ट है कि तीन दरवाजे हैं यानि इसमें दरवाजे के बाद सुरंग जैसे मार्ग में पीछे 2 और छोटे दरवाजे है। स्थापत्य की द्रष्टि से नयनाभिराम दरवाजे की छत कमानीदार है जिस पर बाहरी दीवार पर कलश लगे हैं। दरवाजे के ऊपर मध्य में राजपरिवार का राजसी निशान लगाहै। दरवाजे के ऊपरी मंजिल पर जाली झरोखे है।जिसमें बैठकर रानियां शहर में निकलने वाले जुलुस देखा करती थी। अश्वरोही प्रहरियों के स्थान तथा आगे दो तो पेंबर बस ही राहगीरों का ध्यान आकर्षित करते हैं।राजपरिवार के सदस्य व खास मेहमान ही इसमें प्रवेश कर सकते हैं। आमजनता के लिए यह बंद है। लाखों की संख्या जयपुर वासी अपने आराध्य श्रीगोविन्द देवजी के दर्शनार्थ हवामहल बाजार के सिरह ड्योढी दरवाजे से तो जाते ही थे, लेकिन त्रिपोलिया दरवाजे के पास आतिश मार्केट के दरवाजे से भी जाते हैं।
वर्ष 1989 में 9वीं लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने पूर्व महाराजा कर्नल भवानी सिंह को लोकप्रिय भाजपा नेता गिरधारी लाल भार्गव के सामने खडा किया था। भवानी सिंह ने वोट प्राप्त करने हेतु त्रिपोलिया दरवाजा आम नागरिकों व आवागमन के लिए खोलदिया।तब इसे देखने व आने-जाने के लिए भारी भीड उमड पडी थी, गोविन्ददेवजी के दर्शनार्थी  भी आतिश बाजार के बजाय इसी त्रिपोलिया दरवाजे में से आने-जाने लगे। पैदल हो या गाडी, स्कूटर सवार सभी इसी दरवाजे से निकलने लगे।
इस उपाय के बाद भी जब भवानी सिंह को हार का मुंह देखना पडा तो उन्होंने वापस इस त्रिपोलिया दरवाजे को आम जनता के आवागमन के लिए बन्द कर दिया। अब जब कि भवानी सिंह की पुत्री दीयाकुमारी ने राजनीति में प्रवेश  कर सवाईमाधोपुर से विधानसभा हेतु भाग्य आजमा रही है देखना यह है कि वह सफल होती है या नहीं ?
-हीराचन्दबैद
एस-28, सरदार भवन, वसुन्धरा कॉलोनी, टोंक रोड, जयपुर
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