आम आदमी पार्टी बडी तेजी से अपनी गतिविधियों को पूरे देश में बढ़ा रही है. देशभर में आम आदमी पार्टी के बढ़ती लोकप्रियता से सभी दलों में घबराहट सी है और वे सजग होने की कोशिश cialis कर रहे हैं. भाजपा आम आदमी पार्टी को अपने लिए एक बड़ी रुकावट मानने लगी है. कांग्रेस में भी आम आदमी पार्टी को लेकर अब घबराहट है. महाराष्ट्र में पिछले 10 दिनों में पाँच लाख से अधिक लोगों ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली अप्रत्याशित सफलता ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर दिया है. अकेले दिल्ली में 8 दिसंबर 2013 को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद साडे तीन लाख कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी से जुड़ गए हैं. हरियाणा में ‘मिशन हरियाणा’ कार्यक्रम में यह तय हुआ है कि आम आदमी पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में सभी दस सीटों पर और अक्टूबर 2014 में होने वाले विधानसभा चुनावों में 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राजस्थान में आम आदमी पार्टी लोकसभा के सभी पच्चीस सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी इस प्रयास में है कि जल्द ही राज्य में सभी 48000 बूथों के लिए समितियाँ बना ली जाए. राजस्थान में भ्रष्टाचार आम आदमी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा होगा, जिसे उठाने का पूरा प्रयास करते हुए पार्टी कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय नेताओं को कठघरे में खडा करने का प्रयास करेगी. आम आदमी पार्टी की एक विशेष इकाई ‘सूचना के अधिकार’ के तहत सूचनाओं को पाने का प्रयास करेगी. ऐसी सम्भावना है कि बढ़ती मुल्य वृद्धि को पार्टी मुद्दा बना सकती है. राजस्थान में कांग्रेस की हार ने आम आदमी पार्टी को यह संकेत दे दिया है कि राज्य में उसके लिए आगामी लोकसभा चुनावों में अच्छी सफलता प्राप्त कराने के अवसर हैं. पार्टी मतदाताओं से सीधे जुड़ने के लिए जनसभाओं को आयोजित करने की योजना बना रही है.
राजस्थान में आम आदमी पार्टी ऐसे मतदाताओं से काफी आशाएँ लगाए हुए है, जो पहली बार मतदाता बने हैं और ऐसे मतदाताओं की संख्या राज्य में काफी अधिक है. पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मतदाता सूचियों में नाम जुडवाने के लिए प्रशासन के अभियान के प्रति लोगों को जागरूक किया है. राज्य में पहली बार बने 18-19 वर्ष के मतदाताओं की संख्या क़रीब 23 लाख और 20-29 वर्ष की आयु के मतदाताओं की संख्या करीब सवा करोड़ है. इनपर आम आदमी पार्टी अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में है. आम आदमी पार्टी राजस्थान के फेसबुक पेज को पच्चीस हजार से अधिक लोगो ने लाइक किया हुआ है और प्रतिदिन ‘लाइक’ बढ़ रहे हैं जो पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता का शुभ संकेत है.
पार्टी में विभिन्न स्थानों पर गुटबाजी को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं को अचम्भे और परेशानी में डाल दिया है और वे इसका हल खोजने का प्रयास भी कर रहे हैं. कुछ स्थानों पर पार्टी के कुछ लोग एकाधिकारवादी नीति के तहत काम करते हुए पार्टी के संविधान की अवहेलना कर रहे हैं और पद्लोलुपता स्पष्ट दिख रही है, जो पार्टी के लिए एक खतरे का संकेत है. ग्रामीण इलाकों में अभी भी पार्टी की वह् पहचान नहीं है जो होनी चाहिए, पर पार्टी की प्रदेश इकाई इस प्रयास में है कि ग्रामीण इलाकों में भी पार्टी की गतिविधियाँ हों और साथ ही शहर-कस्बों में गतिविधियाँ बढ़ाई जाए. इसी दृष्टि से 10 से 26 जनवरी तक 17 दिवसीय विशेष निशुल्क सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. राजस्थान में पार्टी राज्य संयोजक अशोक जैन के नेतृत्व में काम कर रही है. अजमेर में जिला कार्यकारिणी में केवल अजमेर शहर के लोग ही थे और मसुदा, किशनगढ़, पुष्कर, केकड़ी, नसीराबाद, ब्यावर आदि विधानसभा क्षेत्रों व ग्रामीण इलाकों का प्रतिनिधित्व नहीं था और कहीं से भी ऐसा नहीं लगता था कि यह कार्यकारिणी जिले की कार्यकारिणी हो. पिछले एक वर्ष के दौरान अजमेर जिला कार्यकारिणी के कामकाज को लेकर अनेक शिकायतें मिलती रहीं और अब प्रदेश इकाई द्वारा अजमेर जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया है और अजमेर के आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सलाह दी गई है कि वे अजमेर संभाग के प्रभारी सुनील आगीवाल के निर्देशन में कार्य करें और बहुत से कार्यकर्ताओं ने प्रदेश इकाई के निर्देश पर काम करना चालू भी कर दिया है.
कुछ भी हो अब भारत की राजनीति में आम आदमी पार्टी के वजूद से इनकार नहीं किया जा सकता और अब विभिन्न दलों के नेता यह स्वीकार करने लगे हैं कि आम आदमी पार्टी एक नई चुनौती के रूप में उभर रही हैं.
– केशव राम सिंघल
लेखक राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर हैं और समय-समय पर राजनीति व सामाजिक विषयों पर लिखते रहते हैं.