जब स्व0 राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे तब देश भाषावाद और अलगाववाद से जूझ रहा था तथा उनकी माता अर्थात् श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या भी अलगाववाद के चलते ही की गई थी। ऐसी विकट परिस्थितियों में जब राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला तो देश को उनसे कई आशाएँ जगीं कि उनके कार्यकाल में भारत नई उंचाइयों को छुएगा तथा जिस प्रकार से उन्होंने देश को 21वीं सदी में ले जाने का सपना बुना तो लगा कि सूचना क्रांति के पश्चात् देश एक स्वर्णिम युग में पहुंच जाएगा तथा सब कुछ पारदर्शी होगा।
आज जब हम 21वीं सदी के बारहवें सोपान पर खड़े होकर देखते हैं तो इतिहास हमें किसी दूसरी ओर ही धकेलता दिखाई देता है। जब हम इतिहास की समीक्षा करते हैं तो पाते हैं कि केवल सपने देखने भर से ही काम नहीं चलता उन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए दृढ़इच्छा शक्ति, सकारात्मक सोच, सही दिशा एवं कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है तथा इन सबसे उपर यदि किसी को रखा जाए तो वह है ईमानदारी। हम देखते हैं कि राजीव गांधी को अपना प्रधानमंत्री पद भ्रष्टाचार के चलते गंवाना पड़ा तथा यह दाग उनके जीते जी तो धुल ही नहीं सका।
यदि हम डॉ कलाम के विजन की बात करें तो उनके अनुसार 2020 में भारत दुनिया की महाशक्ति होगा। मैं डॉ कलाम के इस मत से पूर्णतया सहमत हूँ। भारत के संबंध में कई सकारात्मक बातें हैं जो उसे दुनिया के कई देशों में सर्वोपरि सिद्ध करती हैं जैसे यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, दुनिया के कई देशों की जनसंख्या इस देश के कुछ राज्यों से भी कम हैं। दुनिया का सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क भारत के पास है। यदि हम यह सूची बनाएं तो लगभग 1100 ऐसी बातें हैं जिनमें भारत दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है अथवा दूसरे स्थान पर है किंतु यह स्पष्ट होना चाहिए कि यह राजीव गांधी की 21वीं सदी की कल्पना से सर्वथा भिन्न है।
यदि इस देश ने दुनिया में अपना परचम फहराया है तो वह अपनी प्रतिभा, युवा शक्ति, अदम्य साहस तथा आध्यात्मिकता के बल पर ही। यह देश किसी नेता की राजनीतिक सोच के अनुसार चलना पसंद नहीं करता है यह तो अपना मार्ग स्वयं निर्धारित करता है। हाँ यह बात अवश्य है कि इस देश के विकास की दिशा को भ्रमित करने का कार्य अवश्य ही राजनेताओं ने किया है किंतु यह स्थिति अधिक समय तक चलने वाली नहीं है। भारत पुनः अपने मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने में सक्षम होगा तथा कालचक्र की गति के अनुसार पुनः विश्वगुरू बनेगा। ऐसा मेरा विश्वास है।
स्वतन्त्र शर्मा
पीएच. डी स्कॉलर एवं
जिला महामंत्री
पतंजलि योग समिति, जिला अजमेर