कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता पर कैग की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे राजग, वाममोर्चा समेत विपक्षी दलों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित के लिए स्थागित कर दी गई.
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा नीत राजग सदस्य कोयला ब्लाक आवंटन एवं अन्य विभागों में कथित अनियमितता पर कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे. राजग सदस्य ‘प्रधानमंत्री इस्तीफा दो’ का नारा लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए.
इस बीच वाममोर्चा सदस्य भी अपने स्थान से कैग की रिपोर्ट पर नारेबाजी करते देखे गए. तेदेपा और अन्नाद्रमुक सदस्य भी कैग की रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण मांगते देखे गए. गौरतलब है कि कैग की रिपोर्ट में कोयला ब्लॉक आवंटन में बिना बोली लगाये, दिल्ली हवाई अड्डे के विकास और एक बिजली परियोजना के लिए कोयला देने जैसे मामलों में निजी कंपनियों को 3.06 लाख करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने का अनुमान लगाया गया है.
अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों को अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया लेकिन भाजपा समेत अन्य विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. शोर शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी.
राज्यसभा भी दोपहर 12 बजे तक स्थगित
उधर राजग, अन्नाद्रमुक एवं वाम दलों के भारी हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. हंगामे के कारण सदन में प्रश्नकाल नहीं चल पाया.
सदन की बैठक शुरू होने पर जैसे ही सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल शुरू होने की घोषणा की, भाजपा, जदयू, अन्नाद्रमुक, वाम दलों के सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर कोयला आवंटन से जुड़ा मामला उठाना शुरू कर दिया. भाजपा के कुछ सदस्यों ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाये. इसी बीच अन्नाद्रमुक और जदयू सदस्य कैग रिपोर्ट की प्रति सदन में दिखाने लगे.
सभापति ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए आगाह किया. हंगामे के बीच ही नरेश अग्रवाल सहित सपा के कई सदस्य कोई अन्य मुद्दा उठाने का प्रयास करने लगे. हंगामे के कारण उनकी बात नहीं सुनी जा सकी. सभापति ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि उनमें से कोई एक अपनी बात को सदन में रखे.
यदि सब एक साथ बोलेंगे तो कुछ भी नहीं समझ में आयेगा. लेकिन उनकी इस अपील का कोई असर नहीं हुआ. हंगामा थमते न देख सभापति ने बैठक को शुरू होने के महज पांच मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया.