माननीय नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री जी १५अगस्त को लाल क़िले की प्राचीर से अपने उद्बोधन मे देशँ की घुमतूं जाति सपेरा का नाम लिया मैं यहाँ कहना चाहूँगा कि मोदी जी जब आप को भाषण देना होता है तो अाप देश की संस्कृति की धरोहर बचाने वाली जातियों का नाम आप गर्व से लेते है लेकिन जब देने की बारी आती है तो आप किनारा कर जाते है एेसे ही आपके । पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने घूमतूं आयोग के गठन की घोषणा की थी महाराष्ट्र में उस सभा में दिवंगत माननीय गोपीनाथ मुड़े जी भी थे तथा पूर्व सांसद हरिभाऊ राठौड़ लेकिन एनडीए सरकार बनी परन्तु आयोग का गठन नहीं हुआ और ये वादा पूरा किया माननीय सोनिया गांधी ने २००५मे बाल कष्ण रेनके आयोग गठन किया लेकिन युपीए सरकार संसद में यह रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई । मैं माननीय नरे्नदर मोदी से यह आग्रह करूँगा की आप स्पष्ट बहुमत में हो आपको हासिएपर बैठी डीटीएनटी जातियों की रेनके कमीशन की रिपोर्ट लागू करनी चाहिए। सपेरा एंव कालबेलिया जाति की भाँति देश की 840 जातियाँ देश विदेश में भारत का नाम रोशन करती है लेकिन मोदी जी आप देश के घुमंतु वर्ग के लिए कुछ घोषणा करते तो उत्तम होता ।
जय घुमंतु जय डीटीएनटी जय मेवाड़
-गोपाल केसावत