संतोष श्रीवास्तव की रचनाओं का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल: संतोष श्रीवास्तव
Santosh Srivastav1. तुम्हारी याद

तुम्हारी याद फिर लगी कसकने

बँधे हुए पन्ने

जिन्दगी की किताब के

फिर लगे उडने

2. पस्त

हौसले पस्त हुए

रात भर जागी आँखो मेँ

सुबह को तरसी आँखोँ मेँ

जलते पलो की तपिश मेँ

जाने कितने सूरज अस्त हुए

पता: 204 Kedarnaath Housing Society, Sec-7, Vishwakarma Chauk, Kandivli (W), Mumbai 400067. Ph: 9769023188

सिन्धी अनुवाद: देवी नागरानी
Devi nangrani1. तुम्हारी याद

तुहिंजी याद वरी लगी डंगण

बधल पन्ना

ज़िन्दगीअ जे किताब जा

वरी लगा उडामण….!

2. पस्त

हौसला पस्त थी व्या

रात भर जागी अख्युन मेँ

सुबह जो सिकंदी रही अख्युन मेँ

बरंदड लम्हन जी तपिश मेँ

न जाणु केतरा सिज अस्त थी व्या…

पता: ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358

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