पद्मजा शर्मा की रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल पद्मजा शर्मा

पद्मजा शर्मा
पद्मजा शर्मा

मुझे भी
मैं रुकी तो तू चल पाएगा मैं चुप रही
तो तू बोल पाएगा
मैं रोई
तो तू हंस पाएगा
मैं मरी
तो तू जी पाएगा
तू चल
अब सोच लो
नहीं तो कल पछताओगे !
मुझे भी चलने दे
तू बोल
मुझे भी बोलने दे
तू हंस
मुझे भी हंसने दे
तू जी
मुझे भी जीने दे !

पता 15 ठ पंचवटी कॉलोनी, सेनापति भवन के पास, जोधपुर
सिन्धी अनुवाद देवी नागरानी

देवी नागरानी
देवी नागरानी

मुखे बि
माँ बीठसि
त तूँ हली सघन्दें
मैं चुप रहियसि
त तूँ गाल्हाए सघन्दें
माँ रुनसि
त तूँ खिली सघन्दें
मैं मुअसि
त तूँ जी सघन्दें
हाणि सोचे वठु
न त सुभाणि पछताईंदें !
तूँ हलु
मूंखे बि हलणु डे
तू गालाहि
मूंखे बि गालाहिणु डे
तू खिलु
मूंखे बि खिलणु डे
तू जीउ
मूंखे बि जीअणु डे !

पता:- ९.डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, बांद्रा, मुंबई ४०००५० फ़ोनर 9987938358

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