सूर्य नमस्कार का क्यों विरोध कर रहे हैं मुसलमानों के नेता

एस.पी.मित्तल
एस.पी.मित्तल

राजस्थान में बच्चों को शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ रखने के लिए स्कूलों में योग करने के लिए कहा गया है। चूंकि योग की क्रियाओं में सूर्य नमस्कार भी एक क्रिया है। इसका यह मतलब नहीं कि हम किसी देवता को पूज रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी मुसलमानों के नेता अपनी धार्मिक मान्यता को आगे रखकर योग और सूर्य नमस्कार की क्रिया का विरोध कर रहे हैं, हालांकि इस मामले में प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने सरकार की मंशा को स्पष्ट कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद भी मुस्लिम नेताओं के विरोध के स्वर लगातार उठ रहे है। यह माना की भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है और यहां हर व्यक्ति को अपने धर्म के अनुरूप जीवन यापन करने का अधिकार है, लेकिन शरीर को स्वस्थ रखने के मुद्दे से यदि धर्म को जोड़ दिया जाए तो यह शायद उचित नहीं होगा। यदि मुसलमानों के नेता हर मुद्दे को धर्म से जोड़ रहे है, तो फिर यह बतलाया जाए कि अजमेर और प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में ईसाइयों द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं में मुस्लिम बच्चों को क्या पढ़ाया जाता है? बड़ी-बड़ी एप्रोच लगाकार ईसाई स्कूलों में बाच्चों को प्रवेश दिलाया जाता है। इसके पीछे मुस्लिम परिवार का भी यही मानना है कि उनका बच्चा पढ़ लिखकर होशियार बने। अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के सभी खादिम चाहते हैं कि उनका लड़का सेंट एन्सलम और उनकी लड़की कॉनवेंट या सोफिया स्कूल में पढ़ाई करें। जब मुसलमानों को ईसाई संस्थाओं के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने से एतराज नहीं है तो फिर मुसलमानों के नेता योग और सूर्य नमस्कार की क्रिया का विरोध क्यों कर रहे हैं? अधिकांश ईसाई स्कूलों में गिरजाघर और परिसर में ही ईसा मसीह, माता मरियम आदि की प्रतिमाएं लगी हुई है। सभी ईसाई स्कूलों में प्रार्थना सभाएं होती है और यह बताया जाता है कि संसार का उद्धार करने वाला प्रभु यीशू ही है। अच्छा हो कि जिन मुसलमानों के बच्चे ईसाई स्कूलों में पढ़ रहे हैं उन्हें आगे आकर योग की क्रियाओं का समर्थन करना चाहिए। योग की क्रियाओं को किसी भी स्थिति में किसी भी धर्म से नहीं जोडऩा चाहिए। सूर्य की रोशनी सिर्फ हिन्दू ही ग्रहण नहीं करते बल्कि मुसलमान और अन्य धर्मों के लोग भी उपयोग करते हैं। सूर्य की किरणों से तो असाध्य रोग भी दूर हो जाते है। क्या ऐसे नेताओं को सूर्य की किरणों से भी एतराज है? यदि योग की कोई क्रिया बच्चों को स्वस्थ बनाती है तो बिना किसी विरोध के ऐसी क्रिया को किया जाना चाहिए।
(एस.पी. मित्तल)
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