यह वही भाजपा है न, जिसके नेता जसवंतसिंह किसी आतंकवादी को अपने कन्धों पर लादकर सात समुन्दर पार कहीं छोड़ने गए थे ! यह वही भाजपा है न, जो मुसर्रत आलम नाम के किसी अलगाववादी की रिहाई पर स्यापा कर रही है, जिसे 27 मुकदमों में जमानत मिल चुकी है और जिसके खिलाफ अभी तक आरोप-पत्र तक सरकार दाखिल नहीं कर पाई है !! यह वही भाजपा है न, जो न्यायालय के सम्मान की बात तो करती है, लेकिन न्यायालयीन आदेश का उपयोग जम्मू-कश्मीर में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए कर रही है !!! यह वही भाजपा है न, जिसने छत्तीसगढ़ में कई नक्सलियों की रिहाई की है और उनकी रिहाई पर विचार के लिए एक हाई-पॉवर समिति बनाई है !!!!
क्या वाकई भाजपा इतनी मासूम है कि आतंकवादी और अलगाववादी लोगों के बीच का अंतर नहीं समझती? क्या सचमुच भाजपा कश्मीर में मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत से अपने-आपको बरी कर सकती है?? संसद में फेंकू महाराज ने कहा है कि कोई भी उन्हें देशभक्ति न सिखाएं. भाई साहब, जिस संघी गिरोह का इतिहास केवल अंग्रेजों की चापलूसी रहा है, जो केवल धार्मिक उन्माद फैलाकर देश में दंगे-फसाद करवाने और देश की एकता-अखंडता तोड़ने में माहिर है, उसे देशभक्ति कौन सिखा सकता है???
-राजेन्द्र गुप्ता
वरिष्ठ पत्रकार