आज एक अप्रैल है …. आनंद ले …

केशव राम सिंघल
केशव राम सिंघल

एक अप्रैल का अखबार इकत्तीस मार्च की रात को छपता हैं अत: यह लघु लेख इकत्तीस मार्च को पोस्ट किया जा रहा है … इस निवेदन के साथ कि आप इस लघु लेख को एक अप्रैल को पढ़ें …

ग्राहक – भैय्या ! एक पान लगाना, लेकिन चूना मत लगाना.
पान वाला – क्यों?
ग्राहक – भैय्या ! चूना तो केजरी… लगा चुके हैं, आप लगाओगे तो एक्स्ट्रा (अधिक) हो जाएगा.

दरअसल मार्च 2015 ईयर एंडिंग से पहले मनोरंजन का टारगेट (Target of Entertainment) पूरा नहीं हुआ था अत: ‘आप’ वालों ने बवाल मचाकर यह टारगेट 31 मार्च 2015 से तीन दिन पहले 28 मार्च 2015 को ही पूरा कर लिया. बधाई !

दिल्ली वालों के लिए बहु-प्रचारित संदेश
“देखते रहो और अब पाँच साल तक झेलते रहो.”
“ये सब भुगतना पड़ेगा, अपने पैरों पर ख़ुद कुल्हाड़ी जो मारी है.”
“धीरे-धीरे राजनीति सीख रहे हैं, अभी तक आम आदमी थे, अब नेता जो बन गए हैं.”
“दिल्ली की जनता को बेवकूफी के लिए सलाम !”
राजनीति की ये हैं मिसाल,
पाँच साल अब केजरीवाल,
दिल्ली में अब यही सवाल,
अब रहेंगे ये पूरे पाँच साल !

ख़बर हैं कि दिल्ली की अवैध कॉलोनियां नियमित होंगी, अर्थात अवैध को वैध किया जाएगा …. illegal को legal किया जाएगा …. अर्थात अब अवैध और वैध का अन्तर खत्म होगा … अवैध हो या वैध, सब बराबर …. सबको समान भाव …

पिछली बार ‘आप’ सरकार ने गिरने में 49 दिन लगाए,
इस बार ‘आप’ ने नजरों से गिरने में 42 दिन ही लगाए …. प्रगति का एक बहुत बढ़िया उदाहरण ….

दिल्लीवालों ! वाई-फाई ना सही,
हाथा-पाई के ही मजे लीजिये !

सभी मित्रो से निवेदन है : एक अप्रैल को किसी भी दिल्लीवासी को अप्रैल फूल ना बनाये, वे बेचारे पहले से ही पाँच साल के लिये फूल बन चुके है ….

डाकुओं के गिरोह मे लूट के समय तक एकता रहती है,
लड़ाई तो लूट का माल बाटते वक़्त होती है ….

कृपया नोट करें कि इस बात का ‘आप’ से कोई सम्बन्ध नहीं है …

साभार स्रोत – इंटरनेट पर बहुत सी टिप्पणियाँ … सभी टिप्पणीकारों को धन्यवाद …
आपको गुदगुदी हुई तो धन्यवाद … बुरा लगा तो क्षमा … भई आज एक अप्रैल जो हैं …

संकलन और सम्पादन – केशव राम सिंघल

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