हम कांग्रेस समर्थक है और मुझे इस पैर गर्व है आज हम याद करना चाहेंगे की
१. कांग्रेसियो ने ही देश की आजादी की लड़ाई लड़ी
२.कांग्रेसियो ने ही देश के लिये अपने सीने पर गोली खाए.
३. कांग्रेसियो ने ही लाठियां खाई और अपने प्राणो की आहुति दी.
४. कांग्रेसियो ने ही अपने जवानी के दिन अंग्रेजो से संघर्ष करते जेल मे बिताए..
दूसरी तरफ़ जो लोग खुद को देशभक्त और राष्ट्रवादी चिल्ला चिल्ला कर कहते हैं, उन्होने:
१. आजादी की लडाई नही लडी
२. स्वतंत्रता संग्राम लड़ रहे देशभक्तो की मुखबिरी की और उनके खिलाफ़ गवाही दी. इनके सबसे बडे नेता और पूर्व प्रधानमंत्री की ऐसी ही गवाही सरकारी दफ़तर के लॉकर मे सुरक्षित पडा है
३. जहां देश के सभी धर्म के लोग मिलकर अंग्रेजो को देश से निकालने के लिये लड रहे थे, ये द्वि-राष्ट्र सिद्धांत दे रहे थे और धर्म के आधार पर देश के विभाजन की बात कर रहे थे
४.इनके पूर्वज (सावरकर गोलवलकर जैसो ने) हिन्दू मुसलमानो के बीच ऐसी नफ़रत घोल रहे थे जिसका खामियाजा देश के विभाजन के रूप मे चुकाना ही पडा.
इनके अलावा कुछ स्वयंभू मसीहा, ईंमानदार और क्रांतिकारी आम आदमी से लेकर बाबा तक पैदा हो आए थे, जो आजकल अपने पसन्द की सरकार बनने के बाद विलुप्त से हो गए हैं.
१. वो कौन थे और उनका क्या योगदान है राष्ट्र के निर्माण मे?
२. उनके पूर्वज कौन थे और उनका कितना योगदान है आजादी की लडाई मे?
३. सारे सिस्टम मे बुराई देखने वाले जब सिस्टम का हिस्सा थे और पैसे लूट रहे थे (आज भी लूट रहे हैं) उस समय क्यो नही आवाज़ उठाई या आज नई सरकार आने के बाद से क्यो खामोश हो गए हैं??
इसलिये कांग्रेस समर्थको को हिचकिचाने की ज़रा भी ज़रूरत नही. कांग्रेसियो ने देश को आजाद कराने के साथ साथ देश के निर्माण का काम किया है दूसरी तरफ़ ये राष्ट्रवादी , आम आदमी और क्रांतीकारी टाईप लोगो ने केवल उपद्रव ही फ़ैलाया है आजतक.
अनुपम शर्मा