क्योंकि नेता अपने को राजा और जनता को अपनी प्रजा समझने लगे? अब अगर कोई अपनी आवाज उठाना चाहता है तो उसका दमन क्यों ? नौजवान हार्दिक पटेल का आरक्षण आंदोलन तो एक बहाना है वास्तव में यह नौजवानो का आक्रोश है ? जिस नौजवान ने मोदी के अंदर त्रुटियों के होते हुए भी अपने सर आँखों पर बैठाया वह वर्ग मोदी के 15 माह के कार्यक्रमों और अब तक के कार्य कलाप से संतुष्ठ नहीं है ! अभी तक तो ये आक्रोश दिल्ली और गुजरात तक ही सिमित था आने वाले समय में यह बिहार सहित पूरे देश को ही अपने आगोश में समा सकता है अगर कोई सक्षम नौजवान नेतृत्व आगे आये तो ?
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