गौरे और काले अंग्रेजों में अंतर क्या है?

पी आर चौधरी
पी आर चौधरी
जाट किसान जिस दिन धरती में दाना डालता है, उसी दिन से उसका धर्म शुरू हो जाता है । इसी दाने को पहले कीड़े मकौड़े खाते हैं फिर पक्षी, जानवर और इन्सान खाकर इस पर जिंदा रहते हैं । इन्सान इस दाने को चाहे जमीन पर बैठ कर खाए या फाईव स्टार होटल में । फिर जाट के लिए कौन-सा धर्म बाकी रह जाता है ? इससे बड़ी सेवा और धर्म कौन-सा है?
फिर जाट को पाखण्ड और झूठा ढोंग या धर्म करने की आवश्यकता कहां रह जाती है। मनुवाद का गणेश कभी दूध पीता है तो कभी उसकी आंख से आंसू टपक पड़ते हैं । लेकिन जब हजारों साल तक यह देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़कर सिसकता रहा तो इन देवताओं की आंखों से कभी एक भी आंसू नहीं टपका । अभी इन्हें किस पर तरस आ रहा है? क्या माल खाने वाले मनुवादियों पर या जाटों की कमाई पर या जाटों के पागलपन पर । धर्म वे लोग करें जो जनता और देश को लूटकर खा रहे हैं ।
जाट कौम जमीन को अपनी कहकर इतराती रही है । लेकिन कहां है जाटों की जमीन, कहां रखा है इसका रिकार्ड? सरकारें जब चाहें और जिस कीमत पर चाहें इस जमीन को हड़प कर लेती हैं तो फिर हमारी जमीन कहां हुई? सरकार मर्जी से मुआवजा देकर सन् 1894 में अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून के तहत हमें जमीन से बेदखल करके हमारे बच्चों को सड़क पर छोड़ देती है । क्या आज भी कानून अंग्रेजी सरकार का नहीं चल रहा है? फिर कहां है हमारी सरकार? जमीन में पैदा होने वाले अन्न के भाव पर भी हमारा कोई अधिकार नहीं है तो फिर हमारा अधिकार है कहां? गौरे और काले अंग्रेजों में अंतर क्या है
इस देश का इतिहास हमारा है लेकिन इसी इतिहास में नाम गैरों का है तो फिर हमारा इतिहास कहां है? जिन्होंने कभी एक लड़ाई भी नहीं
जीती और हमेशा मुगलों की दरबारी की और अपनी बहन बेटियों के डोले उनको थमाए उनके नाम से इतिहास को क्यों और किसने लिखा? हम क्या कर रहे थे? और आज भी क्या कर रहे हैं? हमारे दिलों में मुसलमानों और मुगलों के प्रति सदियों से नफरत भरी जाती रही लेकिन उनके दरबारियों के प्रति क्यों नहीं? औरंगजेब को इतिहास में चाहे कितना ही बदनाम किया गया लेकिन उनके डर से कभी कोई जाट मुसलमान नहीं बना यदि उनके डर से कोई मुसलमान बनता तो सबसे पहले बनिया और कायस्थ और उसके बाद दिल्ली का जाट बनता । लेकिन इस इतिहास ने यह क्यों नहीं बतलाया कि सन् 712 में मोहम्मद बिन कासिम को सिंध में पहली बार विजय किसने दिलवाई? मोहम्मद गजनी का सेनापति तिलक कौन था? बाबर का सेनापति रैमीदास कौन था? शहीद राजा नाहरसिंह को फांसी देने वाला गंगाधर कौल कौन था? अंग्रेजों की बंदूकों में कारतूसों के लिए गाय की चर्बी सप्लाई करने वाला कौन था? शहीद भगतसिंह के विरुद्ध गवाही देने वाला वोहरा कौन था? जाटों को लाहौर उच्च न्यायालय में शूद्र घोषित करवाने वाले कौन थे? गुरनाम सिंह आयोग की रिपोर्ट जिसके तहत जाटों को आरक्षण दिया गया, को रद्द करवाने वाले कौन थे?
जाट भाइयों मैं ऊंचे टीले पर चढ़कर जोर से कहना चाहता हूँ कि यदि कोई जाट शराब की बोतल हाथ में लेकर आए तो विश्वास कर लेना, लेकिन यदि कोई मनुवादी हाथ में दूध का गिलास लेकर भी आए तो उस पर कभी विश्वास मत करना ।

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