ये उनका तसव्वुर है या है कोई बात पुरानी

trivendra pathakये उनका तसव्वुर है या है कोई बात पुरानी,
ये बात उनकी वफा की है या है कोई कहानी।
सोचता रहता हूँ कि दर्द क्यूं है सीने में,
वो ना सुनते हैं और ना ही कहते हैं दिल की बात सारी।
इस मकां तक पहुँच गई है अब ये हसरत दिल की
कर जायें कुछ ऐसा कि देखे दुनिया सारी।
मगर दुनिया वालों बस ये ख्याल रखना,
गर तकने लगे वो हमारी राह तो, राह में रख देना तसवीर हमारी।
हमारी तसवीर को देख कर भी वो मुंह बनायेगें,
पर आपको कसम है हमारी आप तसवीर नहीं हटायेंगें।
और आजमानी हो आपको उनकी वफा,
तो आप जब छोड जायेगें राह में तसवीर हमारी,
तब वो तसवीर ले जाकर घर में आंसू बहायेगें रात सारी।
तब एहसास करायेगी उनको वफा हमारी,
जो साथ था ‘पाठक‘ था, अब है सिर्फ उसकी कहानी।
ये उनका तसव्वुर है या है कोई बात पुरानी,
ये बात उनकी वफा की है या है कोई कहानी।
त्रिवेन्द्र कुमार पाठक

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