सालोदिया जी ने धर्म बदलने कि बात गलत समय पर कही

प्रताप यादव
प्रताप यादव
दलित होने के नाते अधिकारों का हनन, प्रताडना अथवा अन्य वांछित अधिकार ना मिलना वास्तव में पीडा़दायक भी होता है l
धर्म परिवर्तन करना एकअलग मसला है व कौन, कौनसेे धर्म में आस्था रखे ,ये हर मानव का मौलिक अधिकार है l
सालोदिया जी ने धर्म बदलने कि बात गलत समय पर कही,जिससे ज्यादातर दलित सहमत नही है व वह अपनी बात का वजन भी कम कर बैठे l
परन्तु यह भी सही है कि ज्यादातर दलित अधिकारी- कर्मचारीयों के साथ पदस्थापना व अन्य मामलों में पुरा न्याय नही होता l यह कटु सत्य है l
सेवा नियमों से बंधे होने व जांच में भैदभाव के चलते ,यह लोग ना चाहते हुए भी सहन करते रहते है l

यह अन्याय भाजपा राज में कुछ ज्यादा
ही बढा है, कुछ लोगों को उच्चतम पदों पर लगा देने से पुरा दलित वर्ग लाभान्वित नही हो जाता l
दलितों को पुरा सम्मान देना वह भी तब जब अब उनकी मेरिट लगभग बराबरी कि स्थिति में हो , एक सतत व निंरतर चलने वाली प्रक्रिया है l
वैसे भी ज्यादातर उच्च वर्ग दलितों को पुरा अपनापन दे रहा है ,पर यह प्रशासन में पदस्थापना के समय नही दिखता l
चाहे उमराव खान बनने से मामले कि धमक घट गई हो पर एक चिंगारी तो लगी है जो 2-3-4 साल में आग बनेगी l
यंहा सचिन जी पायलट की प्रतिक्रिया वजनदार कि अगर दलित होने के नाते अनदेखी हुई है तो गलत है l
प्रताप यादव
वरिष्ठ कांग्रेस नेता
अजमेर

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