अपने देश मे एक कल्चर पैदा हो गया है। यहां सेलेब्रिटी अपने को कानून से ऊपर समझते हैं। नेता,अभिनेता, उद्योगपति,खिलाड़ी को लगता है कि उनके कामों और सेवाओं के बदले उन्हें कुछ भी करने का हक मिल गया है। जबकि उनके काम और सेवाएं समाज के हित से ज्यादा खुद की कमाई और हित मे ज्यादा होती है। कामेडियन कपिल शर्मा भी इसी मुगालते के नए शिकार हैँ। मुम्बई मे आवासीय इलाके मे कर्मशियल निर्माण करा रहे थे। महानगर पालिका ने नोटिस दिया और कुछ समय पहले कुछ तोडफोड भी की। शो मे आप आदमियों को औरत बनाकर मसखरी कर सकते हो,कानून से काँमेडी कैसे करोगे? महानगर पालिका ने काम रूकवा दिया, तो पीएम मोदी तक को टिवट कर डाला कि काम के बदले उनसे पाँच लाख की रिश्वत माँगी है। मोदी के स्वच्छता अभियान के हिस्सा हैं। सोचा अफसरों पर दबाव बनेगा। लेकिन मामला उलटा पड गया। पालिका ने रिश्वत माँगने वाले अफसर का नाम पूछा और ये भी कि क्या वे अवैध निर्माण नहीं करा रहे थे? अब काम तो गलत करा ही रहे थे,इसलिए जवाब क्या देते। खुद होशियारी मे हँसी का पात्र बन गए। यूँ यह भी हकीकत है कि नगर निगम,. परिषद व पालिकाओँ मे अवैध निर्माण की कीमत अफसर व कर्मचारी वसूल करते हैं। और ये छोटे से कस्बे से लेकर मुम्बई जैसे महानगर तक मे लागू होना क्या देश मे समाजवाद की निशानी नहीं है? लेकिन कपिल भ्रष्टाचार की पोल खोलने के चक्कर मे खुद की पोल भी खुलवा बैठे। अब अगर साल मे 15 करोड़ का इन्कम टैक्म दे रहे हैं, तो कपिल कोई अहसान नहीं कर रहे। कमा रहे हैं तो टैक्स देना भी कानून हैं। ऐसे तो देश मे कपिल से कई गुना टेक्स देने वाले है,तो क्या उन्हें कुछ भी अवैध काम करने की इजाजत दे दी जाए।