क्या गणपति विसर्जन घर में करना शास्त्रोक्त सही है ?

ganeshइस साल गणेश विसर्जन के लिए एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है कि गणेश विसर्जन घरो में ही किसी पात्र में करके उस पर तुलसी का पौधा लगावे।
तो कृपया पढ़े-लिखे(?) *प्रबुद्धजन निम्न शास्त्रोक्ति पर जरूर पूर्ण गम्भीर्यता से विचार करें*

*”नार्चयेदक्षतेर्विष्णु, न तुलस्यागनाधिपम।*
*न दुर्व्ययजेद्देवी, बिल्वपत्रें न भास्करं।*

अर्थात, *विष्णु को अक्षत, गणपति को तुलसी, देवी को दूर्वा और सूर्य देव को बिल्वपत्र वर्जित है।*

दूसरा, *खंडित प्रतिमा को घर में रखना भी वर्जित है।*

उपरोक्त शास्तेयोक्ति के संधर्भ में
यदि आप घर में गणपति विसर्जन करते हो और उसमे तुलसी दल का पौधा लगाते हो तो आप निम्न घोर अनुचित कार्य कर रहे है।

पहला, घर में विसर्जित अर्थात गणपति की पूर्णतया खंड- खंड मूर्ति को गमले में एकत्र करके घर में रख रहे है और उस पर वर्जित तुलसी दल भी अर्पित कर रहे हो क्योकि, तुलसी का
पौधा लगाने के लिए पूर्ण खंड मूर्ति पर तुलसी तो डालना ही पढ़ेगी।
अतः आप सभी से निवेदन है कि, इस षड्यंत्र को ज्यादा महत्त्व ना देकर गणपति जी का विसर्जन नदी आदि में ही करे।
क्योंकि जब लाखो ब### का खून नदी या तालाब में मिलने से नदिया या तालाब दूषित नहीं होती तो मिटटी की प्रतिमाओ से तो कुछ नहीं बिगड़ेगा।
कृपया अपने स्वविवेक से निर्णय ले पढ़े लिखे व पर्यावरण प्रिय समाज व धर्म में भ्रांतिया वालो से बचे ।
अगर मिटटी की प्रतिमा को सागर ,सरोवर, तालाबो में विसर्जित करेंगे तो मिटटी की मूर्ति भी तो पानी व मिटटी का अंश ही है।

निवेदक –
*पुष्कर रेस्क्यू कमेटी*

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