साईकिल में दम तो है ?

एम. इमरान टांक
एम. इमरान टांक
एम.इमरान टांक/गपशप
देश की बड़ी राजनैतिक पार्टी सपा में साईकिल को लेकर ज़बरदस्त जंग चल रही है। दोनों को साईकिल चाहिए। इसमें न तो मुलायम सिंह की ग़लती है और न ही अखिलेश की! ये साईकिल चीज़ ही ऐसी है। जिसके हाथ में आ गई वो लेकर फ़रार। आजकल सोशल मीडिया पर इस जंग को लेकर एक चुटकुला भी चल रहा है।
“चुनाव आयोग टू मुलायम सिंह :– माना कि साईकिल आपकी थी, लेकिन ताला तो लगाना चाहिये था…न..
बेटे को चलाने दी थी… लेकर भाग गया…”
इस साईकिल नें बचपन में मुझे भी ख़ूब पिटवाया है। मुझे क्या सरवाड़ से लेकर केकड़ी, अजमेर यानि देशभर के बच्चों को पिटवाने-कुटवानें का श्रेय इसी यंत्र को जाता है। बचपन में हमारी कुटाई करवाई अब अखिलेश के पीछे पड़ी है। लेकिन हो सकता है अबकी बार ये बुज़ुर्ग मुलायम को गिरा दे। अपनी भी यंत्र चलानें की शुरुआत साईकिल से ही हुई। देवाजी के अद्धे को एक रूपए घंटे किराए में लेकर सीखनें का सिलसिला शुरू हुआ, जो बाबूजी द्वारा एक सेकेंडहैंड बुज़ुर्ग साईकिल दिलानें के बाद खत्म हुआ। उस वक़्त में नवीं कक्षा का स्टूडेंट रहा तब की बात है। बाबूजी ने ज़िद पर बूढ़ी साईकिल 100 रूपए में दिलवा दी। 12वीं क्लास तक पहुंचते-पहुंचते चौदह-पंद्रह सौ रूपए तो उसमें लग ही गए। फ़िर भी रही बूढ़ी की बूढ़ी! साईकिल का आपसे-मुझसे और समाजवादी पार्टी के अलावा भी कईयों से नाता रहा है। तेलगुदेशम पार्टी, जम्मू कश्मीर की नेशनल पेंथर पार्टी, केरल कांग्रेस, मेघालय डेमोक्रेडिट पार्टी का भी साईकिल से गहरा नज़दीकी सम्बंध है। 8न सभी का चुनाव चिन्ह साईकिल ही है। वैसे साईकिल चलानें के भी अपनें फ़ायदे है। साईकिल चलानें से शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी ख़त्म होती है। बाक़ायदा इसका उदहारण सपा के मुलायम और अखिलेश है, जिनकी शरीर और दिमाग़ दोनों की चर्बी साईकिल नें उतारी हुई है। साईकिल का सफ़र उन्नीसवीं शताब्दी में यूरोप में शुरू हुआ। 1817 में कार्ल ड्रैस ने साइकिल का अविष्कार किया। आज हम और तुम जिस साइकिल का इस्तेमाल करते हैं, उसका आविष्कार 1839 में स्कॉटलैंड के एक लोहार कर्कपैट्रिक मैकमिलन ने किया था। भारत में सन् 1947 में आजादी के बाद साइकिल यातायात का हिस्सा रही। सन् 1960 से लेकर 1990 तक भारत में ज्यादातर परिवारों के पास साइकिल थी। इस समय पूरे विश्व में अनुमानतः दस करोड़ साईकिलें हैं। साईकिल की एक ख़ूबी है कितना भी इससे प्यार करलो लेकिन ये आपकी चमड़ी लेगी ज़रूर! बचपन में हम सबकी ली, बुढ़ापे में मुलायम सिंह की ले रही है। सच है की नहीं ?

error: Content is protected !!