क़लम उठ जाती है

नटवर विद्यार्थी
नटवर विद्यार्थी
कविता अपने पास है, उनके पास कटार ।
जिसकी जैसी है प्रवृति, उसका वह हथियार ।।
उसका वह हथियार, शक्ति दोनों में होती ।
एक जगाती देश, दूसरी जीवन लेती ।।
कह नटवर कविराय, देश में सुख की सरिता ।
बढ़े ऐक्यता भाव, बनाएं ऐसी कविता ।।
– नटवर पारीक, डीडवाना

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