बालिका उपवन योजना- बालिका गरिमा-उत्थान और पर्यावरण संरक्षण को एक सूत्र से जोड़ते हुए राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जिले में बालिका उपवन योजना का नवाचार किया गया, जिसके आशातीत परिणाम सामने आए हैं। जिले के राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों-अस्पतालों पर जहां प्रसव सुविधा उपलब्ध है, वहाँ खाली जमीन पर बालिका उपवन विकसित किए गए हैं। योजना के तहत स्वास्थ्य केंद्र पर जब भी किसी बालिका का जन्म होता है, बालिका के परिजन व चिकित्सालय स्टाफ मिलकर बालिका के नाम से एक पौधा लगाकर, उसका संरक्षण करते हैं। जब बालिका का जन्मदिन आएगा, पौधे का भी जन्मदिन परिजन व स्टाफ मिलकर मनाएंगे। अस्पताल प्रशासन द्वारा वन विभाग की सहायता से पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं। जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक हजारों पौधे लगाए जा चुके हैं। योजना के प्रति आमजन के उत्साह के चलते जहां एक ओर बालिका के जन्म पर उत्सव का वातावरण बन रहा है, वहीं रेगिस्तानी जिले में हरियाली की छटा बिखर रही है।
आगरा-पंजाब तक जाकर पकड़ा कन्या भ्रूण हत्यारों को- जिले में नियमित निरीक्षण व मोनिटरिंग के द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट की पूरी सख्ती से पालना हो रही है। सभी सोनोग्राफी केन्द्रों पर एक्टिव ट्रेकर व सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन भू्रण जांच में लिप्त कुछ असमाजिक तत्व, बीकानेर से बाहर ले जाकर, कन्याओं की कोख में ही हत्या करवा रहे थे। बीकानेर सीएमएचओ डॉ देवेन्द्र चौधरी और पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेन्द्र सिंह चारण ने मुखबिर से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर राज्य पीसीपीएनडीटी दल के साथ मिलकर पहले आगरा में और फिर पंजाब में डिकॉय ऑपरेशन को अंजाम देते हुए कन्या भू्रण हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
मिशन अगेंस्ट मलेरिया- जिले में मिशन अगेंस्ट मलेरिया अभियान चलाकर सघन एंटीलार्वा गतिविधियों व जन जागरूकता द्वारा मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त किया गया है। कोलायत बीसीएमओ डॉ अनिल वर्मा द्वारा इस दिशा में विशेष प्रयास किए गए हैं। वर्ष 2013 में मलेरिया के 1 हजार 833 रोगी चिन्हित हुए थे, वहीं चरणबद्ध तरीके से कम होते-होते 2014 में 648, 2015 में 413 व 2016 में 297 रह गए। इस वर्ष में मात्र 9 मलेरिया रोगी ही अब तक रिपोर्ट हुए हैं।
आदर्श पी.एच.सी. योजना- आदर्श पीएचसी योजना के तहत जिले के 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (प्रत्येक ब्लॉक में एक) को आदर्श पीएचसी व वैलनेस सेंटर के रूप में तैयार किया गया है। यहाँ आवश्यक स्टाफ एवं संसाधन उपलब्ध करवा कर समस्त आवश्यक सेवाओं व योजनाओं का बेहतरीन संचालन किया जा रहा है। इन पीएचसी पर एलोपैथी के साथ आयुष चिकित्सक की सेवाएं उपलब्ध करवाते हुए प्रतिदिन योग करवाने और औषधीय पौधों से परिसर को हरा-भरा बनाने का नवाचार किया गया है। आदर्श पीएचसी के द्वितीय चरण में प्रत्येक ब्लॉक से दो पीएचसी का चयन कर उन्हें आदर्श पीएचसी बनाने हेतु प्रक्रिया जारी है।
स्वेच्छा से निःशुल्क सेवाएं- मातृ व शिशु मृत्युदर में प्रभावी कमी लाने के उद्धेश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। अभियान के तहत जिले में निजी क्षेत्र की 15 गायनेकोलोजिस्ट द्वारा भी शहरी व दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वेच्छा से निःशुल्क सेवाएं दी जा रही हैं।
डॉक्टर्स फॉर डॉटर्स- इस नवाचार के तहत जिले के 40 चिकित्सकों द्वारा अति निर्धन परिवारों की 40 बालिकाओं को बारहवीं कक्षा तक शिक्षित करने के लिए गोद लिया गया है। ये बालिकाएं शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
-शरद केवलिया
सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, बीकानेर
