जरा बताओं तो

उर्वशी
उर्वशी
जरा बताओं तो
ये किसने कहा तुमसे
कि ,
तुम्हारा संशय
तुम्हारे अतिशय प्रेम की
उपज हैं !
तुम्हारे प्रेम की इस
अतिशयता वाली परिभाषा ने
मेरी उड़ान के दायरे
तय कर दिए हैं ।
ये अधिकार
किसने दिया तुम्हें??

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