जरा बताओं तो
ये किसने कहा तुमसे
कि ,
तुम्हारा संशय
तुम्हारे अतिशय प्रेम की
उपज हैं !
तुम्हारे प्रेम की इस
अतिशयता वाली परिभाषा ने
मेरी उड़ान के दायरे
तय कर दिए हैं ।
ये अधिकार
किसने दिया तुम्हें??
जरा बताओं तो
ये किसने कहा तुमसे
कि ,
तुम्हारा संशय
तुम्हारे अतिशय प्रेम की
उपज हैं !
तुम्हारे प्रेम की इस
अतिशयता वाली परिभाषा ने
मेरी उड़ान के दायरे
तय कर दिए हैं ।
ये अधिकार
किसने दिया तुम्हें??