वह क्यू का जमाना था, हर बात में क्यू, राशन की दुकान जाओ तो क्यू, नौकरी के लिए एम्लायमेंट ऐक्सचेंज जाओ तो क्यू, शादी के लिए लड़कियों के लिए क्यू, यहां तक कि टेलीफोन करो तो भी क्यू। अकसर ही सुनने को मिलता था कि कृपया आप क्यू में हैं, इंतजार कीजिये।
कई बार तो टेलीफोन की लाइनें आपस में मिल जाती थीं, ऐसे में एक बार सुबह सुबह मैंने कहीं नम्बर घुमाया तो हमारी लाइन दो जनों के बीच हो रही बातचीत में भिड़ गई। हमने जो कुछ सुना तो सुनते ही रह गए, आप भी आनन्द लें।
…हेलो ! हेलो ! कौन बोल रहा है ?
…पी ए है।
…इस समय, ऐसी क्या बात हो गई जो आप सुबह सुबह ही पीए हुए हैं?
…सर यह तो बड़े हुकम की मेहरबानी है. आपको किस से बात करनी
है ?
…मुझे ठाकुर साहब से बात करनी है।
…सर! यहां तो सभी ठाकुर हैं, आपको किस ठाकुर साहब से बात
करनी है?
…मुझे डाक्टर पी के ठाकुर से बात करनी है।
…सर ! चारों भाई डाक्टर है और चारों ही पी के ठाकुर हैं।
…अरे भई! वह जो जरा लम्बे कद के हैं और गोरे से हैं उन डाक्टर
साहब की बात कर रहा हंू।
…साहब सभी भाइयों की लम्बाई अच्छी खासी है, आप कहें जिससे बात कराऊं?
…कमाल है! सबके नाम, धाम और काम एक जैसे हैं, मुझे तो उन डाक्टर साहब से बात करनी है, जिनका ससुराल जोधपुर में है।
…सर! संयोग की बात है कि सभी भाइयों की शादी जोधपुर ही हुई है।
…हद हो गई, आप पी के ठाकुर को नहीं बुला सकते, जो चश्मा लगाते हैं और थोड़ा अकड़ कर चलते हैं।
…सर! यह तो इन भाइयों का वंश पराम्परागत गुण है, इस बात में उन
चारों में कोई फर्क नहीं है, अब आप जैसा हुक्म करं।
…तब तो लगता है कि फोन करना बेकार ही रहा, मैं वहीं आकर मिल
लेता हं।
इतने में टेलीफोन की लाइन भी कट गई।
-शिव शंकर गोयल
1 thought on “और लाइन कट गई”
Comments are closed.
NICE ONE- A LONG TELEPHONIC TALK WITHOUT RESULT.NICE JIKE-HAHAHA